फर्रुखाबाद: जनता के टैक्स से चलने वाली नीली बत्ती की सरकारी गाडी, प्रोटोकॉल में 50 हजार रुपये से अधिक मासिक वेतन का अफसर तहसीलदार और रात्रि विश्राम के लिए फ़ोकट का वातानुकूलित गेस्ट हाउस का इंतजाम| स्वागत के लिए डीएम साहब| ये सब जनता के काम के लिए किसी सरकारी दौरे का तामझाम नहीं था| ये सब था खादी एवं ग्रामोद्योग के प्रमुख सचिव मुकुल सिंघल के फर्रुखाबाद में निजी दौरे के लिए जिसे उन्होंने खुद मीडिया के सामने कबूल किया| बदहाल और घाटे में चलते उपक्रम उत्तर प्रदेश के खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग को उबारने के लिए ऐसे ही अफसरों के कंधो पर जिम्मेदारी है| निजी कामो के लिए जैसे सरकार के मंत्री और संत्री सरकारी गाडी और साधनो का दुरूपयोग करते रहते है उन्ही का अनुकरण तो ये अफसर कर रहे है| एक ने जबाब दिया कौन सी नई बात है|
सूत्रों ने बताया की साहब के घर में किसी की शादी है उसके लिए लंहगा लेने आये थे| लंहगा खरीदने में मदद करने के लिए सिंघल साहब सपत्नी व्यापारी रोहित गोयल और प्रोटोकॉल के तहत ड्यूटी पर तैनात तहसीलदार सादर राजेंद्र चौधरी साथ में बाजार पहुंचे| बड़े कारखानेदार के यहाँ एक से बढ़कर एक कई लंहगे दुकानदार ने पेश किये| कारीगरी का बेजोड़ नमूना देखते ही बनता था| अब जिसको पहनना है वो तो आया नहीं था लिहाजा कई लहंगे पैक कराकर लखनऊ में सेलेक्ट किये जायेंगे| साहब और कहाँ कहाँ गए ये तो बहुत नहीं मालूम मगर विभागीय समीक्षा करने में कंजूसी कर गए जैसा कि उनके राजकीय भ्रमण कार्यक्रम में लखनऊ से आया था और सूचना कार्यालय द्वारा मीडिया को उपलब्ध कराया गया| मुकुल सिंघल को मिलिट्री के गेस्ट हाउस में रुकवाया गया है| तय कार्यक्रम के अनुसार मुकुल सिंघल कल शुक्रवार को सुबह 10 बजे लखनऊ के लिए प्रस्थान करेंगे|
वैसे साहब ने एक बात की गनीमत की कि शॉपिंग के लिए छुट्टी का दिन चुना| वर्ना तो कई अफसर लहजा खरीदने वर्किंग डे में ही लाल नीली बत्ती लेकर फर्रुखाबाद चले आते है| मगर एक चूक हो गयी| छुट्टी में विभागीय समीक्षा का कांसेप्ट समझ से पर हो गया| विश्वकर्मा जयंती और गणेश चतुर्थी की एक साथ छुट्टी थी| वैसे साहब जब मीडिया से मुखातिब हुए छोटे मोटे नुक्से गिना गए जैसे फ्लिपकार्ट और स्नैपडील पर खादी बिकवाएंगे| निफ्ट में अलग से खादी के डिजाइनर बनेगे| खादी को युवाओ का फैशन बनाएंगे| ये कौन से बड़े काम है| फर्रुखाबाद के कई जारी जरदोजी वाले ऑनलाइन वेबसाइट बनाकर माल बेच रहे है| खैर साहब के पास यही था उनके विभाग के विकास का सो बता गए| मगर फर्रुखाबाद में खादी एवं ग्रामोद्योग की कितनी यूनिट चल रही है उनसे कितना राजस्व मिलता है जैसे जिला स्तरीय मुद्दो पर कुछ खास नहीं बोले| हाँ एक खबरनवीस ने ज्यादा कुरेद दिया तो बोले व्यक्तिगत दौरे पर आये है| अब व्यक्तिगत दौरे पर जनता के मुद्दे हल करने वाले तहसीलदार जैसे अफसर को लहजा खरीदवाने जाना पड़े तो जनता के टैक्स के पैसे से आयोजित साहब के दौरे पर सवाल तो खड़ा होता ही है|