फर्रुखाबाद: चंद पैसे की खातिर आखिर मासूम की मौत एक कदर हो गयी जिसका किसी को कोई अंजादा नही था| नाबालिक से कुछ रुपये के लालच में तेज रफ्तार ट्रेनों में बाल मजदूरी का लाइसेन्स देने वाले रेलवे के ठेकेदार व जीआरपी ने मासूम की मौत के बाद उससे मुंह मोड़ लिया| ठेकेदार ने तो मासूम को को पहचानने से इंकार कर दिया|
फतेहगढ कोतवाली क्षेत्र के बेबर रोड भोलेपुर निवासी 14 मासूम दानिस पुत्र मो० हसन बीते कई महीनों से ट्रेनों पर पानी बेंचता था| गुरुवार दोपहर फतेहगढ़ रेलवे स्टेशन पर पानी बेचने के दौरान उसकी कासगंज-कानपुर एक्सप्रेस की चपेट में आ गया जंहा उसकी मौके पर ही मौत हो गयी| जिस समय वह ट्रेन की चपेट में आया उस समय उसके हाथो में पानी की बोतले थी| जिन्हें बेचने के लिये स्टेशन का ठेकेदार पंकज चौरसिया मजबूर करता था| मृतक के पिता का आरोप है की उनके लाख मना करने के बाद भी ठेकेदार पंकज दानिस से काम कराता था|
मजे की बात यह है की जिस समय मासूम की मौत हुई उस समय उसके हाथ में पानी की बोतल थी उसकी मौत के बाद ठेकदार ने बोतले तो उठा ली लेकिन मासूम को पहचानने से भी इंकार कर दिया| पिता ने जीआरपी व ठेकदार पर उसके पुत्र की मौत का जिम्मेदार बताया है| उसके शव को पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया गया|
रेलों व होटलों पर जमकर काम कर रहे बाल मजदूर
बीते कई वर्षो से बाल मजदूरों को लेकर प्रशासन व जिले की कई संस्थाओ का रवैया उदासीपूर्ण रहा है| मजे की बात यह है की सपा के प्रदेश अध्यक्ष मजदूर सभा को भी यह नही मालूम की जिले में बाल मजदूर कितने है| विभाग ने भी कभी इस पर गहनता से विचार नही किया| श्रम बोर्ड के अध्यक्ष रहे सपा नेता सतीश दीक्षित के समय में भी बाल मजदूरी के मुद्दे को केबल बालीबाल बनाकर खेला गया| वर्तमान में रेल हो या होटल सभी में बाल मजदूर बड़ी संख्या में मौजूद मिलते है| जेएनआई जल्द ही बाल मजदूरी पर अभियान छेड़ेगा|
बाल कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष प्रो० एमएच सिद्दीकी ने बताया कि उन्होंने बाल मजदूरों को पकड़ने के लिये बाल संरक्षणईकाई का गठन किया है| जिसको यह जिम्मेदारी गयी है| जल्द बाल मजदूरी कराने वाले लोगो पर कार्यवाही कराई जायेगी|