मुठभेड़ में चोरी के मोबाइल सहित 10 आरोपी दबोचे, दो फरार

Uncategorized

chorफर्रुखाबाद: पुलिस ने सात आरोपियों को मुठभेड़ में गिरफ्तार कर लिया है| इसके साथ ही तीन खरीददार को भी गिरफ्तार किया है|जिसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर चोरी के मोबाइल भी बरामद किये है|

कोतवाली के एसएसआई मेघनाथ सिंह ने कोतवाली में दर्ज कराये गये मुकदमे में कहा है कि वह दरोगा ज्ञानप्रकाश सिंह, राजेन्द्र प्रसाद यादव, एसओजी प्रभारी ब्रजेश यादव आदि फ़ोर्स के साथ जा रहे थे तभी आरोपियों ने उन पर फायरिंग कर दी| जबाब में पुलिस ने भी उन पर फायरिंग की| जिसके बाद पुलिस ने आरोपी बबलू कटियार पुत्र विनोद निवासी सातनपुर पट्टिया से 315 बोर का तमंचा व दो मोबाइल, श्याम शुक्ला पुत्र राकेश निवासी तलैया फजल इमाम के पास से कारतूस पांच मोबाइल, अन्नू शर्मा पुत्र राजीव निवासी मदारबाडी के पास से कारतूस, सनी मनी व पूरन व नीरज पुत्र रामदयाल के पास से पांच मोबाइल व कारतूस बरामद दिखाये है| आरोपी बबलू व श्याम के पास से एक बाइक भी पुलिस ने बरामद दिखाई है| पुलिस के अनुसार भीमा व आनंद पुत्र जय हिन्द मौका देखकर मुठभेड़ के दौरान चकमा देकर निकल गये| सूत्रों के अनुसार पुलिस ने बबलू कटियार को बीते दो दिन पर स्वाट टीम ने आईटीआई के पास से दबोचा था| उसी समय भीमा व उसका एक साथी फरार हुआ था| फ़िलहाल पुलिस सात को गिरफ्तार करने के बाद से गप्पू सरदार के घर हुई चोरी के खुलासे का दाबा कर रही है| पुलिस ने 12 मोबाइलो की बरामदगी दिखाई है|

इसके साथ ही साथ श्याम शुक्ला पुत्र राकेश, मन्नी दुबे पुत्र रामदेव, अन्नू शर्मा पुत्र राजीव, बबलू कटियार पुत्र विनोद, पूरण सक्सेना पुत्र पप्पू, नीरज उर्फ़ नकचुल्ला पुत्र राम दयाल, भीमा पुत्र शिवराम लोघी आन्नद पुत्र जय हिन्द शर्मा के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है| पुलिस ने चोरी का माल खरीदने के चक्कर में गगन पुत्र अजय वर्मा निवासी चीनी ग्राम सुनार अशोक वर्मा पुत्र सुरेश वर्मा निवासी पक्का पुल अनश पुत्र जमील निवासी छाबनी को भी गिरफ्तार कर लिया है| जिन्हें कोर्ट में पेश किया गया जंहा से उन्हें जेल भेज दिया गया|
चोरी करने के दूसरे दिन ही डाली गयी थी दो मोबाइल में सिम
आरोपियों ने आवास विकास निवासी गप्पू सरदार के घर से चोरी किये 28 मोबाइल में से पुलिस ने तकरीबन एक दर्जन मोबाइलो की बरामदगी दिखाई है| जबकि उन चोरी किये गये दो मोबाइल में सिम डालकर एक्टिवेट किया गया था|
भीमा को पकड़ने में आईटीआई पुलिस के कुछ सिपाहियों की भूमिका संदिग्ध

आखिर दो बार भीमा पुलिस को चकमा कैसे दे गया| यह सोचने वाली बात है| सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक 10 सितम्बर को भीमा ने अपने ही पडोस में स्थित मोबाइल शाप पर ताबड़तोड़ गोली चलाई थी| खबर है किइसकी सूचना पहले से ही आईटीआई के एक सिपाही के मोबाइल पर दी गयी थी की भीमा गोली चलने कुछ देर में आ रहा है| लेकिन भीमा को समर्थन के चलते सिपाही ने मामले को खुद ही पी लिया| इसके बड़ा जब बबलू को आईटीआई चौराहे से पुलिस ने पकड़ा तब भी भीमा पुलिस के हत्थे नही चढ़ा था| यह भी जाँच का विषय है|

Comments are closed.