फर्रुखाबाद : गॉव रायपुर थाना लोनार जिला हरदोई की रहने वाली गीता देवी पत्नी मिथलेश अपने गॉव से बाइक पर फर्रुखाबाद लोहिया अस्पताल के लिए आ रहे थे राजेपुर थाना क्षेत्र के डबरी चेकपोस्ट पर गीता के अत्यधिक प्रसव पीड़ा होने के कारण मिथलेश ने चेक पोस्ट पर तैनात सिपाही भीम कुमार व राजवीर से मददः मांगी तो सिपाहिओं ने चेक पोस्ट के अंदर पड़े तखत पर महिला को लिटाया फिर उन्होंने समय 12:26 बजे 108 व 102 नंबर पर कॉल किया लेकिन दोनों में से एक भी एम्बुलेंस मौके पर नहीं पहुंची | मरीज की हालत बिगड़ती जा रही थी |
गीता के पति मिथलेश ने बताया की पत्नी की हालत ख़राब होते देखकर मैंने सिपाही भीम कुमार से पड़ोस के गॉव से दाई बुलाने के लिए कहा तो सिपाही ने डबरी गॉव से एक दाई को बुला लिया| तक़रीबन एक बजे दाई ने महिला का प्रसव करा दिया लेकिन वो बच्ची को नहीं बचा सकी| फिर पुलिस वालो ने एक टेम्पो पर गीता देवी को राजेपुर सी.एच.सी में भर्ती करा दिया यहाँ की डॉक्टर का कहना है की मरीज की हालत इतनी ख़राब हो चुकी थी अगर यहाँ न लाई जाती तो इसकी भी मौत हो सकती थी इस समय जच्चा सुरक्षित अवस्था में है और उसका इलाज चल रहा है |
सरकारी एम्बुलेस का कहना ही क्या है कभी भी समय पर नहीं पहुँचती है यदि पुलिस वालों ने गीता देवी को राजेपुर अस्पताल में भर्ती ना कराया न होता तो इस घटना का कौन जिम्मेदार होता वही दूसरी तरफ गीता अपनी जन्मी बेटी खो देने के बाद मायूस हो गयी है जन्मी बच्ची के शव को राम गंगा के किनारे दफना दिया गया है |
एम्बुलेंस के चालकों ने नाम न छापने की सर्त पर बताया कि जब गाड़ियों में डीजल डलवाया जाता है तो 500 रूपए अधिकारी को देना पड़ता है इस लिए हम लोग भी क्या करे अस्पताल प्रशासन ने बताया कि मरीज को रेफेर करने के लिए घंटों एम्बुलेंस का इंतज़ार करना पड़ता है जबकि इस घटना के समय एम्बुलेंस राजेपुर अस्पताल में खड़ी थी |
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