लखनऊ: मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पाकिस्तान में मिली गीता के प्रतापगढ़ की’ सविता’ होने के दावे की सच्चाई पता करने का जिम्मा डीएम को सौंपा है। डीएम को इस प्रकरण की जांच किसी संवेदनशील महिला अधिकारी से कराने की हिदायत दी गयी है।
पाकिस्तान में रह रही गीता के टेलीविजन पर नजर आने के बाद प्रतापगढ़ के महेशगंज क्षेत्र के धमोहन के दंपती रामराज व अनारा देवी ने उसे अपनी बेटी सविता बताया है। दंपती का दावा है कि सविता (गीता) वर्ष २००४ में बिहार के तारण में स्थित मठ से बिछड़ गई थी। ‘गीता’ के सविता होने का दावा करने वाले दंपती का कहना है कि मई २००४ में वह छह बच्चों सावित्री, पिंटू, सविता, सरिता, अंतिमा, रिशु एवं पति के साथ भाई बाबा नारायणदास के पास छपरा गई थी।
मझली बेटी सविता (आठ) मूक बधिर थी। आषाढ़ में खेती बारी के समय वे सविता को वहीं छोड़ कर अन्य बच्चों के साथ लौट आये थे। कुछ समय बाद सविता आश्रम से गायब हो गई। आसपास के गांवों में तलाश की। कुछ पता नहीं चलने पर एक नवंबर २००४ को नारायणदास ने छपरा थाने में सूचना भी दर्ज करायी थी। सरकारी प्रवक्ता का कहना है कि मुख्यमंत्री ने इस प्रकरण की जल्द से जल्द रिपोर्ट तलब है।