मुख्यमंत्री के गृहनगर में तो आबादी से ज्यादा बन गये वोटर

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panchayat_chunav_948729786डेस्क: मुख्यमंत्री के जिले में पंचायत चुनाव के लिए बनायी जा रही मतदाता सूची में बडा घालमेल सामने आया है। जिले के 127 गांवों में मतदाता जनसंख्या अनुपात ज्यादा पाया गया है। यहां पर मतदाता 80 से लेकर 150 फीसद तक बना दिये गये हैं। पूरे मामले पर चुनाव आयोग का माथा ठनका तो निर्देश जारी हुए कि 65 फीसद से अधिक मतदाता जनसंख्या अनुपात वाले गांवों में चुनाव नहीं कराया जायेगा। पूरे मामले में पंचायत स्तर पर फर्जी वोट बनाने की कार्रवाई सामने आयी है, अब चुनाव आयोग के डंडे के बाद जिला प्रशासन हरकत में आया है। जिलाधिकारी के निर्देश पर मतदाता सूचियों के सत्यापन के निर्देश दिये गये हैं। 127 गांवों में से महेवा ब्लाक में 38, बसरेहर ब्लाक में पांच, बढ़पुरा में 30, ताखा में 13, भरथना में 15, जसवंतनगर में 18 व सैफई में 8 ग्राम पंचायतें पायी गयी हैं जहां पर मतदाता जनसंख्या अनुपात 65 फीसद से ऊपर पाया गया है। 78 ग्राम पंचायतें ऐसी हैं जहां पर यह अनुपात 80 से 150 फीसद तक पाया गया है। 30 जुलाई को जिलाधिकारी की समीक्षा बैठक में इस अभियान में करीब 160 अधिकारी जांच के लिए लगाये गये हैं।

बीएलओ ने दबाव में आकर बनायीं सूचियां

सूचियों के घालमेल के पीछे गांव-गांव सत्यापन करने गये बीएलओ की भूमिका सामने आयी है। बताया जा रहा है कि मतदाता सूचियों के सत्यापन को लेकर गांवों में बीएलओ के ऊपर भारी दबाव था। इस पर बीएलओ ने बिना कोई लड़ाई झगड़ा मोल लेते हुए जिसने जो बताया उसके नाम सूची में शामिल कर दिये। नतीजा यह हुआ कि कई गांवों में यह सूची 100 फीसद से ऊपर निकल गयी और मामले चुनाव आयोग की पकड़ में आ गये।

आगरा के 100 मतदाता जोड दिए गए

बढ़पुरा ब्लाक के पुरा मुरौंग गांव में सीमा से लगने वाले आगरा के शिवपुर गांव के 100 मतदाता बना दिये गये। मामला उपजिलाधिकारी महेंद्र कुमार सिंह ने जांच में पकड़ लिया। अब इस पर कार्रवाई की जा रही है। कई गांवों में ऐसा हुआ कि पड़ोस के गांव में रहने वाले एक ही परिवार ने दूसरे पड़ोस के गांव में वहां पर एक सामान्य झोपड़ी दिखाकर अपने वोट मतदाता सूची में बढ़वा लिये।

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ऐसा वर्ग जो शहर में रहता है और उसने अपना वोट गांव में भी बनवा लिया। डुप्लीकेट मतदाता जो दो जगह पर वोटर बने हुए हैं। ऐसे मतदाता जिनकी मृत्यु हो चुकी है परंतु सूची से नाम नहीं काटे गये। गांव से विवाहित होकर चली गयी पुत्रियों के नाम नहीं कटे। 16 वर्ष की आयु वाले किशोरों को 18 वर्ष का दिखाकर मतदाता बना दिया गया।

चुनाव आयोग के निर्देशों का पालन होगा

जिलाधिकारी नितिन बंसल ने बताया कि पंचायत चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने जनसंख्या मतदाता अनुपात 65 प्रतिशत करने का निर्देश दिया है। अन्यथा उस गांव में चुनाव नहीं कराये जायेंगे। अधिकारियों की टीम सत्यापन करने में लगी हुई है, तीन अगस्त तक सूचियों को फायनल कर दिया जायेगा। आयोग की मंशा के अनुसार ही कार्य होगा।