फर्रुखाबाद: विवाद होने के बाद केबल जनता को पुलिस की ही याद आती है| और जब मारपीट होती रहे और पुलिस खड़ी-खड़ी देखती रहे तो उसकी अहमियत ही क्या रह जायेगी| और पीटने वाला आला अधिकारी हो तो बात ही कुछ हो जाती है|
मजे की बात यह है कि अधिकारियो के जिस समय पुतले फूंके गये उस समय पुलिस मौके पर मौजूद नही थी| पुतला फूंकने के बाद पुलिस मौके पर पंहुची और फिर बापस लौट गयी| मौके पर केबल दो सिपाही ही मौजूद थे| जिस समय डॉ० राजवीर अपने कार्यालय में पंहुचे उस समय सिपाही मौके पर मौजूद थे|
मारपीट होने के दौरान सिपाही चुपचाप खड़े रहे और उन्होंने बीचबचाव करने की जहमत नही उठाई| मारपीट होने के लगभग आधा घंटे के बाद पुलिस मौके पर पंहुची| फ़िलहाल क्या मौके पर मौजूद पुलिस कर्मियों पर कार्यवाही नही बनती यह निर्णय पुलिस के आला अधिकारी तय करेगे|