अली असगर का हिंडोला उठाकर महिलाओं ने किया मातम

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फर्रुखाबाद|| करबला के मैदान में हजरत इमाम हुसैन के साथ यजीदी फौज से जंग के लिए गये 72 लोगों में अली असगर की उम्र छह माह की थी। यजीद ने उस पर भी रहम नहीं की और उसका कत्ल करा दिया।

गुलशेर ईरानी ने बताया कि अली असगर तीन दिन का भूखा प्यासा था। यजीद ने नहरे फुरकत का पानी रुकवा दिया था। जब हुसैन के परिवार के अन्य लोग शहीद हो गये तो हुसैन अली असगर के लिए पानी मांगने यजीद के पास गए। उन्होंने कहा कि इस बच्चे की तो कोई खता नहीं है। पर यजीद ने उनकी एक नहीं सुनी और सिपहसालार हुरमला से अली असगर पर तीर चलाने को कहा। बाप की गोद में अली भी शहीद हो गया।

अली की याद में ख्वातीन ने हिंडोले उठाये। मेंहदीबाग इमामबाड़े से चले जुलूस में काले लिबास में महिलाओं ने भी मातम किया।