दुखद:चौथी लाश पर बहाने के लिए नही बचा आँखों में पानी

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rajraniफर्रुखाबाद: जिसके घर में एक मौत हो जाये उसका क्या हाल होता है यह सभी जानते है| तो फिर जिन बूढी आँखों के समाने उनके मासूम पोते-पोतियों की लाशे पड़ी हो उनका क्या हाल हो रहा होगा| उस पर जब वह जानते थे की एक लाश और निकलने वाली है| सभी की आंखे उसी तरह थी जिस तरफ एक बुजुर्ग दम्पति मासूमो की छाती पर हाथ पटक रहे थे|

जीवन भर की गयी पूजा पाठ का ईश्वर ने उसे क्या नतीजा दिया| अपने तीन नाती पोतो के सीने पर सर रखकर रो रही बुजुर्ग राजरानी कह रही थी| अब मेरे घर के दिया जालाने वाला भी नही रह गया| कौन नाम लेगा मेरे परिवार का कौन कहेगा हमसे दादी घुमने चलो| तीन घंटे से अधिक समय तक रोते-रोते उसकी आँखों के आँखों का पानी तक सुख गया| उधर चौथी लाश पर रोने के लिये उसकी आँखों में पानी और मुंह से आवाज निकलने तक की जान नही बची|