लखनऊ: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता व कैबिनेट मंत्री शिवपाल यादव और मुलायम के छोटे बेटे प्रतीक यादव के नाम पर मंत्रियों से लेकर कई अफसरों को फोन कर ट्रांसफर-पोस्टिंग, नौकरी समेत अन्य काम कराने वाले एक जालसाज व उसके फर्जी पीआरओ को साइबर सेल और गौतमपल्ली थाने की संयुक्त टीम ने गिरफ्तार किया है। जालसाज ने अब तक 22 से अधिक लोगों के ट्रांसफर पोस्टिंग की बात कबूल की है।
एसएसपी राजेश कुमार पांडेय के मुताबिक पकड़ा गया जालसाज मूलरूप से मैनपुरी के सराय मुगलपुर निवासी रामशंकर शाक्य और उसका फर्जी पीए कैसरबाग घसियारी मंडी निवासी फिराक हुसैन है। रामशंकर शाक्य ने बीते दिनों प्रतीक यादव बनकर खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को फोन कर इदरीश नामक व्यक्ति के खनन भंडारण लाइसेंस के लिए सिफारिश की थी। इस संबंध में खनन मंत्री के निजी सचिव रामवचन ने 12 जून को गौतमपल्ली थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। इसी बीच आरोपी के खिलाफ जालसाजी संबंधी दो मुकदमे हजरतगंज कोतवाली में भी दर्ज हुए। साइबर सेल के नोडल अधिकारी सीओ हजरतगंज अशोक कुमार वर्मा के नेतृत्व में फिरोज बदर अन्य सहकर्मी के साथ आरोपी की तलाश कर रहीं थी। गौतमपल्ली थाने की पुलिस और साइबर सेल की टीम को शनिवार रात आरोपी को गिरफ्तार करने में सफलता मिली। जालसाज रामशंकर शाक्य के कसमंडा हाऊस हजरतगंज स्थित आवास से मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के पूर्व सचिव व वर्तमान सचिव आवास पंधारी यादव और प्रबंध निदेशक भारतीय प्रशासनिक सेवा संस्थान की फर्जी मोहरें, डॉ रामशंकर शाक्य आइएएस अशोक की लाट व आरोपी की फोटो लगे कई विजिटिंग कार्ड, मैनेजिंग डायरेक्टर लिखा फोटोयुक्त विजिटिंग कार्ड, विधान सभा सदस्य का सादा लेटर पैड, कई बैंकों के लाखों रुपये भरे हुए चेक, सफाईकर्मी समूह ग की भर्ती व अन्य विभागों में नौकरी के लिए आवेदन पत्र, भारी मात्रा में ट्रांसफर व पोस्टिंग संबंधी प्रार्थना पत्र, पुलिस भर्ती के प्रवेश पत्र, राज्य कृषि मंडी उत्पादन में भर्ती का आदेश पत्र, कई अधिकारियों के फर्जी सिफारिशी पत्र, ठेकेदारी पंजीकरण के संबंध में प्रमाण पत्र व अन्य संबंधी प्रपत्र, चार मोबाइल फोन (जिसमें एक नंबर प्रतीक यादव की फर्जी आइडी बनाकर हासिल किया गया) समेत अन्य समान बरामद हुआ है।
जालसाज ने कसमंडा हाऊस स्थित अपने आवास के बाहर डॉ रामशंकर शाक्य के नाम से नेम प्लेट लगा रखी थी, वह खुद को पीएचडी होल्डर बताता था। उसके कब्जे से डॉ. रामशंकर शाक्य प्रबंध निदेशक भारतीय प्रशासनिक सेवा संस्थान की दो फर्जी नेम प्लेट भी बरामद हुई हैं। जालसाज से पूछताछ के दौरान पता चला है कि उसने इलाहाबाद विवि से बीएससी तक पढ़ाई की है, लेकिन जांच अधिकारियों को उसकी बीएससी की डिग्री को लेकर भी संदेह है।