फर्रुखाबाद: प्रदेश सरकार अपनी स्वास्थ्य सेवाओ को बेहतर भले ही बताती हो| प्रदेश सरकार के दरबारी मंत्री अपनी सरकार की कमिंया झुपाने में कोई कोर कसर नही छोड़ रहे है| जनता को सहुलियते देने के नाम पर करोड़ो रुपये डकार लिये जाते है| स्थित जस की तस ही बनी रहती है| कोई ना कोई गरीबी का मारा इस बदहाल सरकारी मशीनरी के अन्दर फंस कर अपना सब कुछ बर्बाद कर ले रहा है|
तस्वीरे यह चीख-चीख कर कह रही है की सरकारी स्वास्थ्य सेवाओ की स्थित क्या है| जनपद में बने राममनोहर लोहिया अस्पताल में जनपद के ही नही बल्कि जनपद के आस-पास के जिलो से भी बड़ी संख्या में मरीज अपनी जिन्दगी बचाने के मजबूत इरादे से आता जरुर है लेकिन वापस जाने की कोई गारंटी नही होती| दुर्घटना में घायल लोगो के फटे शरीर को अक्सर आप सफाई कर्मी के हाथो बोरे की तरह सिलते नजर आते है| अस्पताल में चिकित्सको का आभाव है| जो चिकित्सक है भी वह कोई रिस्क लेना नही चाहते| अस्पताल में मरीज केबल कागजी कार्यवाही पूरी करने के लिये लाया जाता है|
चिकित्सक कागज बना कर उसे रिफर कर के ही राहत की साँस लेते है| अस्पताल में मरीज को देखरेख करने वाले कक्ष सेवक राजकुमार बनकर अस्पताल में ही कही सिटी बजाते नजर आ जायेगे| अस्पताल में मरीज की क्या देखभाल होती होगी यह तस्वीरे चीखचीख कर कह रही है|