ह्दय पिघलता जाये और जलता जाये शरीर

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फर्रूखाबाद: नगर के राधाश्याम शक्ति मन्दिर में द्विवसीय अध्यात्मिक कार्यक्रमो के दुसरे दिन भक्ति परक कार्य गोश्ठी का आयोजन वरिश्ठ कवि डा0 शिवओम अम्बर की अध्यक्षता एंव बृजकिशोरसिंह किशोर के संचालन में हुआ। गोष्ठी की शुरुआत गरिमा पाण्डेय द्वारा प्रस्तुत वाणी वंदना के साथ हुई।इस क्रम को आगे बढ़ाते हुए रावण और सीता के अशोक वाटिका में हुए संवाद को संदर्भित करते हुए रचना पढ़कर वाह वाही -उसमें सीता की तपस्या राम की थी साधना इस लिये तिन्का कोई तलवार से लड़ता रहा।युवा कवि उत्कर्श अग्हिनोत्री ने समर्पित करते हुये कहा -‘‘तपती धरती पर चले नंगे पाॅव फकीर, ह्दय पिघलता जाये और जलता जाये शरीर

गीता भारतद्वाज ने राधा व कृश्ण के बीच एक आत्मता स्थापित की कृश्ण की सप्त स्वर की तान है राधा कृष्ण यदि तन है तो उस तन के अन्दर जान है राधा संचालक बृजकिशोर सिंह किशोर ने कविता से मॅा को नमन किया-अधेरी रात में जोतिर मई वाती रही है माॅ हजारों कंठकों में पुश्प की पाती रही है मॅा| अध्यता कर रहे वरिष्ठ कवि डा0 शिवओम अम्बर ने भगवान राम की भक्तों के प्रेम को इस तरह उजागर किया-कहॅा राजकिये भोग,कहॅा चन्द झुठे वेर दीनबन्धु बैठ गये सवरी के पक्ष में राजभवनों के कक्ष कक्ष में तराषा गया राजाराम चन्द्र मिले मारूति के पक्ष में।

इसके अलावा गरिमा पाण्डेय,कृश्ण कान्त अक्षर,रामप्रकश दुबे हरि ने भी कार्य पाठ किये। कार्यक्रम के आयोजक सुरेन्द्र सफड़ ने आये हुए सभी भक्तों का स्वागत किया। कवियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर कमल सिगतिया,जितेन्द्र अग्रवाल,निमिष टंडन ,गोपाल सफर अबधेश सिंह गौण, कन्हैयालाल जैन,कलागुरू कमल पाण्डेय,इन्द्रा पाण्डेय,रोहित गोयल,उपकार मणि सहित सैंकड़ो की तादात में लोग मौजूद रहे।