मॉडल स्कूलों में प्रधानाचार्यो शिक्षकों की भर्तियां स्थगित

Uncategorized

tet 7फर्रुखाबाद(लखनऊ) : प्रदेश में शैक्षिक दृष्टि से पिछड़े विकासखंडों में बनाये जा रहे मॉडल स्कूलों की योजना से केंद्र सरकार के हाथ खींच लेने से शैक्षणिक स्टाफ की भर्ती प्रक्रिया को झटका लगा है। निर्माणाधीन 193 मॉडल स्कूलों में प्रधानाचार्यों और प्रशिक्षित स्नातक शिक्षकों (टीजीटी) की भर्ती प्रक्रिया फिलहाल स्थगित कर दी गई है।

केंद्र सरकार ने 2010-11 में उप्र में 148 और 2012-13 में 45 मॉडल स्कूलों के निर्माण को मंजूरी दी थी। मॉडल स्कूलों के निर्माण और संचालन पर होने वाले खर्च में केंद्र और राज्य सरकार की हिस्सेदारी 75:25 के अनुपात में थी। राज्य सरकार की इन स्कूलों को वर्ष 2015 से संचालित करने की मंशा थी। इसलिए सरकार ने इन स्कूलों में प्रधानाचार्य और प्रशिक्षित स्नातक शिक्षकों के पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू की थी। इस बीच केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2015-16 के बजट में मॉडल स्कूल योजना के लिए राज्यों को केंद्रांश देने से पल्ला झाड़ लिया। अब मॉडल स्कूलों के निर्माण और संचालन का पूरा खर्च उठाने की जिम्मेदारी राज्य सरकार पर आ गई है। प्रत्येक मॉडल स्कूल को संचालित करने पर सालाना सवा करोड़ आवर्ती खर्च अनुमानित है।

इस हिसाब से 193 स्कूलों के संचालन का सालाना खर्च लगभग 241 करोड़ रुपये होगा। राज्य सरकार के लिए इतनी अधिक धनराशि का बंदोबस्त कर पाना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। इसलिए उप्र माध्यमिक शिक्षा अभियान ने अब मॉडल स्कूलों का संचालन सार्वजनिक निजी सहभागिता (पीपीपी) मॉडल पर कराने प्रस्ताव तैयार किया है। इस प्रस्ताव को जल्द ही शासन की सैद्धांतिक स्वीकृति मिलने की संभावना है। मॉडल स्कूलों के संचालन के लिए शासन ने प्रधानाचार्य के 193 पदों पर भर्ती के लिए 21 फरवरी से नौ मार्च तक अभ्यर्थियों से आवेदन मांगे थे। वहीं प्रशिक्षित स्नातक शिक्षकों के लगभग 1350 पदों के भी मार्च-अप्रैल में आवेदन आमंत्रित किये गए थे।

इन पदों के लिए अभ्यर्थियों की ओर से बड़ी संख्या में आवेदन भी प्राप्त हुए थे। उप्र माध्यमिक शिक्षा अभियान परिषद के राज्य परियोजना निदेशक डॉ.हृषिकेश भास्कर यशोद के मुताबिक मॉडल स्कूलों के संचालन की प्रक्रिया को लेकर स्थिति स्पष्ट न होने की वजह से प्रधानाचार्य और टीजीटी भर्ती प्रक्रिया को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है। मॉडल स्कूलों के संचालन की प्रक्रिया के बारे में शासन के फैसला लेने के बाद ही प्रधानाचार्य और शिक्षक भर्ती के संबंध में अंतिम निर्णय किया जाएगा।