बेटी के संस्कार दो परिवारो को करते संस्कारी

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surendr pandey drd visvkarma copy.jpg1फर्रुखाबाद: श्री विशवनाथ सेवा संस्थान के द्वारा संचालित कार्यशाला में बेटियों को शिक्षित व संस्कारी बनाने पर विशेष जोर दिया गया| इसके साथ ही साथ प्राशिक्षण दे रही प्रशिक्षिकाओ को नये-नये आयाम और गुणवत्ता को ध्यान में रखने का आवाहन किया गया|

एनएकेपी डिग्री कालेज में आयोजित ग्रीष्म कालीन कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में पंहुचे परियोजना निर्देशक दयाराम विश्वकर्मा ने गणेश प्रतिमा पर दीप जलाकर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया| उन्होंने कहा की बेटा यदि संस्कारी है तो केबल एक ही परिवार संस्कारी होगा और यदि बेटी संस्कारी है तो दो परिवारों को संस्कार मिलेगे| उन्होंने कहा कि देश हमे भुत कुछ देता है हमको भी देश व समाज के विकास में सहयोग करना चाहिए| भावी पीढ़ी राष्ट्र की धरोहर है| जिसको संस्था संस्कार सिखा कर अच्छा नागरिक बना रही है|
वही वर्तमान समय में कार्यशाला में फैशन डिजाइन, बाजारवाद की मांग, प्रतिसपर्धा में क्वालिटी और वस्तु की गुणवत्ता पर विभिन्य वस्तुओ को बनाया गया|इस दौरान कु० कंचन गुप्ता, सन्तोषी मिश्रा, स्वेता शर्मा, काजल मिश्रा, पूजा मिश्रा, प्रिया कश्यपआदि ने विभिन्य विधाओ में अपनी कला दिखाई| इस दौरान कार्यशाला की संयोजिका रमा पाण्डेय, सुरेन्द्र पाण्डेय, आदि लोग मौजूद रहे|