अमृतसर: सिखों के सबसे बड़ी धर्म संस्था अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह ने कहा है कि सिखों को कम से कम तीन या चार बच्चे पैदा करना चाहिए। उन्होंने ने यह बयान पिछले दिनों पटियाला में दिया था। ज्ञानी गुरुबचन सिंह ने अपने बयान के पक्ष में कहा कि सिखों की कम होती जनसंख्या में संतुलन बनाए रखने के लिए ऐसा करना जरूरी है।
मंगलवार को गुरबचन सिंह ने कहा कि एक तरफ आपके परिवार में दो लोग हैं, वहीं दूसरी तरफ 10 लोगों का परिवार है। अब आप अनुमान लगा सकता हैं कि किसके पास ज्यादा वोट हैं। मुसलमानों के ज्यादा बच्चे होते हैं और इसलिए वे राजनीति में ज्यादा ताकत रखते हैं। इसीलिए मैं सिखों से कहता हूं कि वे अब ज्यादा बच्चे पैदा करें।
गुरुबचन सिंह ने कहा कि राजनीति वोट बैंक पर आधारित है और मुसलमान बड़ा वोट बैंक है। उन्होंने कहा कि ये मैं पहली बार सिखों से तीन या चार बच्चे पैदा करने को नहीं कह रहा हूं। इससे पहले भी मैं यह बात कह चुका हूं। केवल एक फीसद लोग ऐसे हैं, जो मेरी बात का विरोध करते हैं, जबकि बाकी लोग मेरी बात से सहमत हैं।
अपनी बात को सही साबित करने के लिए उन्होंने कई तर्क देते हुए कहा पहले भी लोगों के कई बच्चे होते थे। अभिभावक न सिर्फ उन्हें पालते थे, बल्कि गलत काम करने से रोकते भी थे। आज लोग एक बच्चा पैदा करते हैं और यदि वह गलत संगत में पड़ गया है, तो माता-पिता उसे डांटने में भी डरते हैं कि कहीं वह कोई गलत कदम न उठा ले। ज्यादा बच्चे होंगे तो वे परिवार के व्यापार को बेहतर तरीके से संभाल सकेंगे और इससे आर्थिक हालात सुधरेंगे।
गुरबचन ने तीन या चार बच्चों वाले नामचीन सिख परिवारों का जिक्र करते हुए कहा कि वह खुद, पंजाब के उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल और एसजीपीसी प्रमुख अवतार सिंह मक्कड़ उन लोगों में शामिल हैं, जिनके तीन या तीन से ज्यादा बच्चे हैं। ज्ञानी ने हालांकि यह भी कहा कि ये विचार उनके निजी हैं और इस मुद्दे पर अकाल तख्त में बहस की जा सकती है।