दंतेवाड़ा पहुंचे मोदी, बच्चों ने पूछे पीएम से ये सवाल

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Prime Minister Narendra Modi with Russian President Vladimir Putin Attend World Diamond Conference In Delhiदंतेवाड़ा:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज छत्तीसगढ़ पहुंचे। मोदी ने दंतेवाड़ा के जवांगा में एजुकेशन सिटी में बच्चों से सीधी बात की। मोदी ने बच्चों के सवालों के जवाब दिए। मोदी ने बच्चों को सफलता गुर बताए। मोदी ने बच्चों से पूछा कि वे क्या बनने के लिए पढ़ाई कर रहे हैं।

पहला सवाल – अपने जीवन की ऐसी घटना बताइये जिससे आपको जीवन में प्रेरणा मिली हो?
दंतेवाड़ा पहुंचे मोदी, बच्चों ने पूछे पीएम से ये सवाल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज छत्तीसगढ़ पहुंचे। मोदी ने दंतेवाड़ा के जवांगा में एजुकेशन सिटी में बच्चों से सीधी बात की।

मोदी– पढ़ने का शौक किस-किस को है, मास्टर जी के सिवा कोई किताब पढ़ते हो। एक किताब मैंने बचपन में पढ़ी थी, वो ज़रूर पढ़ना। पोलियानो किताब में एक बच्ची ने अपने माली का ज़िक्र किया था। एक घटना एक के लिए दुख और दूसरे के लिए प्रेरणा का कारण थी।

दूसरा सवाल – 7वीं की छात्रा- हमने सुना है आप दिन में 18 घंटे काम करते हैं? इतने परिश्रम के बीच आपको तनाव हो तो क्या करते हैं?

मोदी – मुझे आनंद आता है काम में। कभी गिना नहीं कितने घंटे काम किया। होमवर्क पूरा होते ही थकान उतरती है न, काम करने की थकान नहीं होती, काम न करने की थकान होती है। जितना काम करो उतना आनंद। जब दूसरों के लिए जीते हैं तो थकान नहीं लगती। सवा सौ करोड़ देशवासी मेरा परिवार हैं, अपनों के लिए जीने का मन करेगा कि नहीं।

तीसरा सवाल- (किशनकुमार 9वी का छात्र) – जीवन की सबसे बड़ी सफलता किसे मानते हैं, और इसका श्रेय किसे देते हैं?

मोदी – जीवन को सफलता और विफलता के तराज़ू में नहीं तोलना चाहिए, भय नही होना चाहिए। सफलता विफलता को जीवन के लक्ष्य को पाने के तराज़ू में नहीं रखना चाहिए। लेकिन विफलताओं से सबक लेना चाहिए। मेरा जीवन विफलताओं से भरा रहा है, सफलताओं का हिसाब मैंने लगाया नहीं, न कभी इसके लिये काम किया।

चौथा सवाल- अगर आप राजनीति में नहीं होते तो क्या होते?

मोदी – जीवन का सबसे बड़ा आनंद बालक बने रहने का होता है। अगर ईश्वर मुझे पूछता कि क्या चाहते हो तो मैं कहता कि मुझे बालक बने रहने दो।

पांचवां सवाल- क्या आप अपनी सफलता का राज़ बताना चाहेंगे?

मोदी – हमें पता होना चाहिए कि कहां जाना है, कैसे जाना है, कब तक जाना है। विफलता आएगी तो भी कभी इसका सामना करना नही पड़ेगा। रोज़ नए नए विचार करने वालों के जीवन में कभी सफलता नहीं आ सकती। इच्छा स्थिर होनी चाहिए, इच्छा स्थिर हो जाए तो उसे संकल्प बना लो। एक बार संकल्प हो गया तो सफलता अपने आप आ जाएगी। आप में से किसी को बड़ा खिलाड़ी बनने की इच्छा होती है, या सबको पढ़ लिखकर बाबू बनना है। पुलिस अफसर कौन कौन बनना चाहता है। आईआईटी में कौन जाना चाहता है, बनने के सपने कम और करने के सपने ज़्यादा देखो। जीवन में खेलकूद करना चाहिए, कितना भी पढ़ाई क्यों न हो, दिन में 4 बार तो पसीना छूटना चाहिए, आदमी फिट रहता है।