फर्रुखाबाद: जनपद में आये राज्यपाल राम नाईक ने एक पुस्तक की समीक्षा कार्यक्रम के दौरान भ्रष्टाचार पर तीखा हमला बोला उन्होंने कहा की केंद्र हो या प्रदेश भ्रष्टाचार पूरे देश के लिये कैंसर है| भ्रष्टाचार करने वाले लोगो पर कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए|
फतेहगढ़ के जेएनबी रोड स्थित एक निजी विधालय में पंहुचे राज्यपाल राम नाईक ने डॉ० ब्रह्मदत्त अवस्थी की कृति ‘मीसाबंदी के पत्र’ की समीक्षा करते हुये कहा की कोई भी रचना जेल की सलाखों के पीछे लिखी जाती है तो उसका और अधिक महत्व बढ़ जाता है| क्योंकि डॉ० अवस्थी ने सन 1975 को अपनी पत्नी के नाम जेल के अन्दर से जो यातनाओ से भरे पत्र लिखे और उनकी पत्नी ने उन्हें सहेज कर रखा जो आदर की पत्र है| उन्होंने कहा की आज के समय में राजनीति करने वाले लोगो को मीसाबंदी के पत्र से कुछ अनुभव जरुर लेना चाहिए|
उन्होंने पत्रकारों के सबाल पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विषय में कहा की राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश सरकार ने भ्रष्टाचार के 42 मामलों में कोई कार्यवाई नहीं की है। इस संदर्भ में कल ही लोकायुक्त ने उन्हें रिपोर्ट दी है। आज के दौर में इस प्रकार के कानून बहुत अधिक अवश्यक है| क्योंकि केंद्र हो या प्रदेश भ्रष्टाचार सभी के लिये कैंसर जैसा घातक है| इस तरह का कानून देश व प्रदेश हर जगह होना चाहिए| इसके साथ ही भ्रष्टाचार करने वाले को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए| राज्यपाल श्री नाईक ने पुस्तक मीसा बंदी के पत्र पर विस्तार से समीक्षा की|
इस दौरान डॉ० संजीव शर्मा, डॉ० महाशवेता चतुर्वेदी आदि ने भी विचार व्यक्त किये| कार्यक्रम की अध्यक्षता राजकुमार अग्रवाल न की| कार्यक्रम के अंत में कार्यक्रम के संयोजक डॉ० प्रभात अवस्थी ने सभी को धन्यवाद दिया| इस दौरान लक्ष्मीकान्त मिश्रा, मेजर सुनील दत्त द्विवेदी, डॉ० रजनी सरीन, मिथिलेश अग्रवाल, कुलदीप गंगवार, बीजेपी जिलाध्यक्ष दिनेश कटियार, महामंत्री विमल कटियार, शिवओम अम्बर आदि लोग मौजूद रहे|