भूकंप मृतक आश्रितों को सात-सात लाख देगी यूपी सरकार

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akhileshलखनऊ: मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भूकंप से प्रदेश में मरने वाले नागरिकों के आश्रितों को सात-सात लाख रुपये की मदद का एलान किया है। उन्होंने मुख्य सचिव व डीजीपी को पीड़ितों की मदद में किसी तरह की शिथिलता न बरतने के भी निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टेलीफोन पर हालात का ब्यौरा दिया। इस बीच मुख्य सचिव आलोक रंजन ने भूकंप से राज्य में सात लोगों की मौत व 23 लोगों के घायल होने की पुष्टि की है।

शनिवार सुबह 11.44 मिनट पर जब राज्य में भूकंप के झटके महसूस किये गये उस समय मुख्यमंत्री अखिलेश यादव हमीरपुर से लखनऊ की उड़ान पर थे। भूकंप की जानकारी मिलने पर उन्होंने मुख्य सचिव आलोक रंजन, डीजीपी एके जैन को डीएम, एसपी को पीड़ितों की मदद के लिए सड़क पर निकलने के निर्देश दिया। जिलों से हालात पर फीडबैक लेने का निर्देश दिया। लखनऊ पहुंचने पर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को तलब कर स्थितियों का ब्यौरा लिया। मुख्यमंत्री ने भूकंप से मरने वाले नागरिकों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुये उनके आश्रितों को सात-सात लाख रुपये की मदद का एलान किया। गंभीर रूप से घायलों को 50-50 हजार व सामान्य घायलों को 20-20 हजार रुपये की आर्थिक मदद उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री ने आपदा प्रबंधन समितियों को सक्रिय करने के साथ घायलों के बेहतर इलाज के भी निर्देश दिया।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को टेलीफोन पर भूकंप के बाद राज्य सरकार द्वारा उठाये गये कदम और राज्य के हालात का ब्यौरा भी दिया। मुख्यमंत्री ने पड़ोसी देश नेपाल में जन-धन की भारी क्षति पर दु:ख व्यक्त करते हुए कहा कि संकट की इस घड़ी में हम नेपाल के साथ है। राज्य सरकार नेपाल की हर संभव मदद करेगी।

देर शाम मुख्य सचिव आलोक रंजन ने बताया कि भूकंप से सात लोगों की मौत और 23 लोग जख्मी हुए है। उन्होंने कहा कि पहले आठ लोगों की मौत की बात सामने आ रही थी लेकिन एक मौत की अभी तस्दीक नहीं हुई है। जिलाधिकारियों, पुलिस अधीक्षकों को हर गांव, कस्बे का ब्योरा जुटाने का निर्देश दिया गया है। आपदा प्रबंधन समितियों को सक्रिय किया गया है। बिजली व्यवस्था बहाल रखने की हिदायत गई गयी और अस्पतालों को भी अलर्ट किया गया है।

स्कूलों में फौरन कराई गई छुट्टी

भूकंप के झटके महसूस होते ही मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव और डीजीपी को फौरन स्कूलों की छुट्टी कराने और बच्चों के निकलने वाले रास्तों में यातायात साफ रखने का निर्देश दिया। जिस पर अधिकारियों ने तेजी से अमल कराया।