रामपुर : मेरठ में सफाईकर्मियों की हड़ताल उग्र होती जा रही है। शुक्रवार को नगर विकास मंत्री आजम खान के निर्देश पर प्रशासन ने देर 200 संविदा कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया था, इसमें से एक महिला कर्मचारी के पिता की रात में मौत हो गई। जिसके अंतिम संस्कार में हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए।
उधर, मंत्री के आदेश पर ही हापुड़ बस अड्डे पर पंचायतों से बुलाए गए सफाईकर्मियों से सफाई करवाई। इसी बीच प्रशासन की दैनिक सफाई टीम और नगर निगम के सफाईकर्मियों का आमना सामना होने के बाद माहौल गरम हो गया और सफाईकर्मियों ने सफाई कर रहे कर्मचारियों और वाहन चालकों को पीटना शुरु कर दिया। जेसीबी और अन्य वाहन को तोड़ दिया गया। वाहनों की हवा निकाल दी इसी बीच हजारों की संख्या में सफाई कर्मी इकट्ठें हो गए तो एएसपी और नगर स्वास्थय अधिकारी वहां से भाग खड़े हुए। इंस्पेक्टर नौचंदी ने मोर्चा संभालने की कोशिश की तो उनसे भीड़ की हाथापाई हुई और मृतक के शव को चौराहे पर रखकर जाम लगा दिया गया।
इसी बीच प्रहलाद नगर में दैनिक सफाई कर्मियों पर हमला कर दिया गया। अब जगह-जगह प्रशासन और सफाई कर्मियों का गुरिल्ला युद्ध जारी है। हापुड़ अड्ड़े के हालात किसी तरह एसपी सिटी और नगर आयुक्त ने संभाले और वहा जाम खुलवाया। कुल मिलाकर सफाईकर्मियों के तेवर कड़े हैं और वे झुकने को तैयार नहीं दिख रहे हैं।
वहीं जिला योजना की बैठक के बहाने सफाईकर्मियों के मुद्दे को सुलझाने पहुंचे आजम ने जिला प्रशासन,पुलिस और नगर निगम को जमकर लताड़ लगाई। आजम ने कहा कि सफाई कर्मचारियों की मांगें नाजायज हैं और शासन इन्हें किसी सूरत में नहीं पूरा कर सकता। उन्होंने पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों से सवाल किया कि आखिर मरे हुए जानवर तीन दिन तक शहर के चौराहों पर कैसे लटके रहे। बैठक में मौजूद सपा विधायकों को भी आजम का कोपभाजन बनना पड़ा। आजम ने इनको फटकारते हुए कहा कि आप लोग पचास-पचास की टोलियों में निकलते और शहर को साफ करने की कोशिश कराते।
नगर विकास मंत्री ने जिला प्रशासन से साफ कहा कि हर हाल में 24 घंटे के भीतर शहर साफ होना चाहिए। प्रशासन को ये व्यवस्था बनानी है कि शहर कैसे साफ रहे।
सफाई कर्मचारी भड़के
मंत्री के रुख को अफसरों ने अभी सार्वजनिक नहीं किया है, लेकिन मीटिंग में आजम के सख्त रुख के बाद सफाईकर्मी भी भड़क गए। सफाई सुपरवाइजर भी हड़ताल पर चले गए, जिसके कारण पंचायत कर्मचारियों के सहारे चल रही सफाई भी शुक्रवार को नहीं हो सकी। शहर की कालोनियों के में नरक जैसे हालात हैं। साकेत,शास्त्रीनगर,जागृति विहार जैसी पॉश इलाकों भी भी हालत बदतर हो गए हैं। सफाईकर्मियों के नेता कैलाश चंदोला ने कहा हमें सरकार और अफसरों से उम्मीद थी,लेकिन अगर आजम का रुख हमारे खिलाफ है तो उन्हें भी देखा जाएगा। हम तो जेल भरने के लिए भी तैयार हैं।
धर्म परिवर्तन को जाना पड़ेगा दिल्ली
आजम खां ने हड़ताली सफाई कर्मियों की धर्म परिवर्तन की धमकी पर चुटकी ली। बोले कि धर्म बदलने के लिए तो दिल्ली जामा मस्जिद जाना होगा। यहां तो धर्मपरिवर्तन नहीं हो पाएगा।