लखनऊ। जिला अदालतों में अधिवक्ताओं की अनुशासनहीनता को गंभीरता से लेते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कड़े कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। एक दिन पहले महराजगंज के दो अधिवक्ताओं को सजा सुनाने के बाद अदालत ने अमरोहा के 38 अधिवक्ताओं को भी एक दिन की सजा दी है। इन अधिवक्ताओं पर न्यायिक कार्य में बाधा पहुंचाने के आरोप हैं। कोर्ट ने उनके एक माह तक अदालत परिसर में प्रवेश पर भी पाबंदी लगाई है।
जेपी नगर, अमरोहा की जिला अदालत नये भवन में शिफ्ट होने के विरोध में वकीलों ने जमकर बवाल किया था। इसमें कई वकील आरोपी बनाए गए थे। खलीक अहमद व 40 अन्य वकीलों के खिलाफ आपराधिक अवमानना याचिका की सुनवाई न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल और न्यायमूर्ति शशिकांत की खंडपीठ ने की और आरोपों को सही पाया। अधिवक्ताओं ने अपने ऊपर आरोपों को स्वीकार किया और क्षमा याचना की। कोर्ट ने 38 वकीलों को दोषी करार देते हुए कोर्ट उठने तक एक दिन के कारावास की सजा सुनाई तथा दो हजार रुपये हर्जाना लगाया। इन्हीं में से एक वकील सलीम खान द्वारा दोबारा अवमानना करने पर कोर्ट ने उक्त सजा के साथ सात माह तक अदालत परिसर में उनके प्रवेश पर रोक लगा दी है। अदालत में दो वकीलों दिलशाद अली व बसन्त सिंह सैनी ने अपने ऊपर लगाए गए आरोपों को स्वीकार नहीं किया। इस पर कोर्ट ने उन्हें दो हफ्ते में जवाब दाखिल करने का समय दिया है और 11 मई को हाजिर रहने का आदेश दिया है।
उल्लेखनीय है कि कोर्ट ने आपराधिक अवमानना के आरोपों में ही महराजगंज के दो वकीलों सतीश चंद्र श्रीवास्तव व संजय कुमार श्रीवास्तव को एक माह के जेल की सजा सुनायी है। इन पर छह माह तक वकालत पर रोक लगाई गई है।
अमरोहा के इन वकीलों को सजा : खलीक अहमद, कपिल चिकारा, राशिद मैन, गौरव कुमार अग्रवाल, राम औतार गुप्ता, सुनील बाबू, राजीव गोयल, चौधरी नरेश वीर सिंह, विवेक बिश्नोई, नईम अहमद, कृपाल सिंह यादव, मोहम्मद अली नकवी, इन्द्रपाल गोयल, साजिद रऊफ, दिनेश चौहान, मनु शर्मा, अली इमाम रिजवी, अर्शदु भारती, जय प्रकाश यादव, सूर्य प्रताप सिंह, भारत सिंह सैनी, विनोद कुमार, राज चौधरी, नदीम खुसरो, राजेंद्र सिंह सैनी, दिनेश सिंह, विनोद कुमार सैनी, अशोक कुमार कपूर, चैनसुख गोयल, सर्वेश शर्मा, पवनेश चौहान, अवनीश सरन बंसल, शराफत हुसैन, मंगत राम सैनी, नितिन बंसल, हुकुम सिंह सैनी, दलपत सिंह व सलीम खान।