संसद में इन पांच मुसीबतों से कैसे निपटेगी मोदी सरकार!

Uncategorized

Modi_Cabinet_JNI-NEWSनई दिल्ली: आज से संसद के बजट सत्र का दूसरा हिस्सा शुरू हो गया है। ये 13 मई तक चलेगा। इस बजट सत्र में जहां एक ओर मोदी सरकार लैंड बिल को पास कराने की कोशिश करेगी,तो वहीं उसे कई मुद्दों पर विपक्ष के विरोध का सामना करना पड़ेगा। सरकार के कई महत्वपूर्ण बिल अटके पड़े हैं,जिसे पास कराना सरकार के लिए बड़ी चुनौती है। भले ही लोकसभा में सरकार के पास बहुमत है,लेकिन राज्यसभा में बहुमत ना होने की वजह से बिल पास कराना काफी मुश्किल है। सत्र शुरू होने से ठीक पहले संसद पहुंचे पीएम मोदी ने कहा कि वो सार्थक सत्र की उम्मीद करते हैं, जिसमें कई मुद्दों पर रचनात्मक चर्चा होगी। पढ़ें- संसद में इन पांच मुसीबतों से कैसे निपटेंगी सरकार।

लैंड बिल

मोदी सरकार के लिए ये बिल पास कराना ढ़ेरी खीर है। 11 महीने की मोदी सरकार में इस बिल की वजह से देश में सरकार के खिलाफ माहौल बन रहा है। इस बिल की वजह से सरकार की छवि किसान विरोधी बन रही है, जिसे विरोधी पार्टियां भुनाने में लगी हैं।

जनता परिवार का बनना

मोदी सरकार के लिए दूसरी बड़ी चुनौती है जनता परिवार का बनना, जिसमें 6 पार्टियों का विलय हो गया है और मुलायम सिंह इसके मुखिया हैं। सपा, राजद, जेडीयू, जेडीएस, आईएनएलडी और एसजेपी को मिलाकर नया दल बना है। एसजेपी को छोड़कर लोकसभा में इनकी ताकत 15 सांसदों की है। राज्यसभा में इनकी संख्या 30 है।

कांग्रेस की वापसी

चुनाव के बाद हार से पस्त नजर आ रही कांग्रेस को लैंड बिल के जरिये एक बड़ा मुद्दा मिल गया और पार्टी फिर नए जोश में नजर आ रही है,जो मोदी सरकार के लिए बड़ी चुनौती बन सकती है। रविवार को रामलीला मैदान की रैली में राहुल गांधी ने सरकार के खिलाफ हुंकार भरी। कांग्रेस नई ऊर्जा के साथ एक लौटने की कोशिश कर रही है।

मंत्रियों की बदजुबानी

मोदी के मंत्रियों और सांसदों की गलतबयानी उनके लिए आए दिन मुसीबत खड़ी कर देती है। आज भी संसद का सत्र शुरू होते ही गिरिराज सिंह के सोनिया के बारे में दिए गए बयान पर जमकर हंगामा मचा। इसके अलावा, साक्षी महाराज, योगी आदित्यनाथ जैसे सांसद विवादित बयानों की वजह से सरकार की मुसीबतें आए दिन बढ़ाते

रहते हैं। और विपक्ष को संसद में हंगामे का मुद्दा मिल जाता है।

किसानों की खुदकुशी

बेमौसम बारिश से बर्बाद हुए किसानों की खुदकुशी का मामला भी मोदी सरकार के लिए चुनौती बना हुआ है। संसद में विपक्षी दल इस मुद्दे पर भी मोदी सरकार को घेर सकते हैं। पिछले दो महीने से किसान लगातार खुदकुशी कर रहे हैं।