नई दिल्ली:आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की पुलिस हाल में हुई मुठभेड़ फर्जी होने के आरोपों का भले ही सामना कर रही हो, लेकिन मानवाधिकार उल्लंघन में उत्तर प्रदेश सबसे आगे है। उत्तर प्रदेश की पुलिस के खिलाफ राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) में सबसे ज्यादा 20 हजार शिकायतें दर्ज की गई हैं। वहीं, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के खिलाफ एनएचआरसी में 200 शिकायतें ही दर्ज की गई हैं।
उत्तर प्रदेश के बाद इस सूची में दिल्ली और हरियाणा का नंबर आता है, जिसके खिलाफ आयोग में क्रमश: 2,800 और 2,000 शिकायतें दर्ज की गई हैं। मजेदार बात यह है कि जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर की पुलिस इस मामले में काफी बेहतर है, जबकि वहां सशस्त्र बलों की कथित ज्यादतियों की खबरें नियमित रूप से आती हैं। वहां की पुलिस के खिलाफ आयोग में दर्ज कराई गई शिकायतें इकाई के अंक में है।
यूपी काडर के एक आईपीएस अधिकारी ने बताया कि यहां इस बात को भी ध्यान में रखना चाहिए कि उत्तर प्रदेश्ा की जनसंख्या और यहां पुलिस बल की संख्या अधिक है। पिछले तीन वर्षों में जम्मू-कश्मीर की पुलिस के खिलाफ एनएचआरसी में करीब 100 के आस-पास शिकायतें दर्ज कराई गईं। यहां सिर्फ वर्ष 2011-12 में ही शिकायतों की संख्या 126 हुई थी।
वहीं, पूर्वोत्तर के राज्यों में सिर्फ असम में ही प्रति वर्ष 100 से अधिक शिकायतें दर्ज कराई गईं। जबकि पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों से एनएचआरसी में पुलिस के खिलाफ इकाई के अंक में या 10 से थोड़ी अधिक संख्या में शिकायत दर्ज कराई गई। वर्ष 2013-14 में आंध्र प्रदेश पुलिस के खिलाफ 205 शिकायतें और तेलंगाना पुलिस के खिलाफ 135 मामले दर्ज कराए गए।