दुष्कर्म पर एएमयू में व्याख्यान : जिस अंग से अपराध हो उसे काट देना चाहिए

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amuलखनऊ:पश्चिम बंगाल में नन के साथ को लेकर काउंसिल फॉर रिसर्च एंड इंपावरमेंट ऑफ वीमेन ने कल एक व्याख्यान आयोजित किया। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) में आयोजित व्याख्यान में दुष्कर्मियों की जमकर मुखालफत की गई।

‘औरतों पर अत्याचार के खिलाफ एकजुटता’ विषय पर व्याख्यान में सेवानिवृत्त शिक्षिका ऊषा जैकब ने कहा कि अलाउद्दीन खिजली के शासन में अपराधी जिस अंग से अपराध करता था, उसके उसी अंग को काट दिया जाता था। इसी तरह की सजा अपराधियों को मिलनी चाहिए। एएमयू शिक्षिका रचना कौशल ने कहा कि आरोपियों को जब फांसी की सजा देने की बात आती है तो मानवाधिकार याद आते हैं।

औरतों पर जुल्म होते हैं तो किसी को मानवाधिकार की याद नहीं आती। अरब देशों की तरह यहां भी अपराधियों को सख्त सजा दी जाए तो अपराध में कमी आएगी। काउंसिल फॉर रिसर्च एंड इंपावरमेंट ऑफ वीमेन की अध्यक्ष बाजिगा धुरू ने कहा कि बच्चों को घर में ही नैतिक शिक्षा का ज्ञान देना होगा, उन्हें गलत व बुरे में फर्क बताना होगा। एएमयू वीमेंस कॉलेज की प्रिंसिपल प्रो. नईमा खातून गुलरेज ने कहा कि अपराध के लिए ड्रेस कोड नहीं, दूषित मानसिकता दोषी है।

एएमयू कुलपति की पत्नी सीमी शाह ने कहा कि इस तरह के आयोजनों से लोगों में जागरूकता आएगी। संस्था की सचिव अर्सी जफर खान ने कहा कि औरत ऐसी है, जो ऋषि-मुनियों की मां होती है। औरत के पैरों में जन्नत होती है फिर भी उसे जिंदा जला दिया जाता है।