फर्रुखाबाद: जिला जज राजन चौधरी नें सजा को पढ़कर आरोपी चन्द्र प्रकाश उर्फ़ पप्पू कोरी को सुनायी| उन्होंने कहा कि पप्पू कोरी शातिर अपराधी है एवं वह अपराधियों का गैंग चला रहा है। उसने एक इंस्पेक्टर की उसकी ड्यूटी के दौरान अवैध आग्नेयास्त्र से फायर कर हत्या की है। उसके इस कार्य से पूरे समाज की शांति व्यवस्था भंग हो गई। समाज में रोष, भय, क्रोध व्याप्त हो गया। ऐसा अपराधी समाज को छिन्नभिन्न कर सकता है, क्योंकि यदि इस अपराधी के इस अपराध को अनेकों में एक की श्रेणी में नहीं रखा जायेगा तो अपराधियों का हौसला बुलंद हो जायेगा।
अभियुक्त का अपने पास आग्नेयास्त्र रखना साबित कर रहा है कि वह ऐसी स्थिति से निपटने के लिये शुरू से ही तैयार था और गंभीर वारदात करने को भी सक्षम था। सभी परिस्थितियों को देखते हुए माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा दिये गए दिशानिर्देशों को मानते हुए यह अपराध अनेकों में एक की श्रेणी में आता है। अत: इस कारण अपराधी को भारतीय दंड विधान की धारा 302 के अपराध को अनेकों में एक मानते हुए मृत्यु दंड से दंडित किया जाना न्यायोचित है एवं इसी से न्याय की मंशा पूरी होती है। जिला जज ने अपने आदेश में कहा है कि दोषसिद्ध अपराधी पप्पू उर्फ चंद्रकुमार को धारा 302 भारतीय दंड विधान के अपराध में मृत्युदंड से दंडित किया जाता है। उसको मृत्यु होने तक फांसी पर लटकाया जाये।
मृत्यु दंड की पुष्टि को पत्रावली उच्च न्यायालय भेजी जाये एवं माननीय उच्च न्यायालय से पुष्टि होने तक दंड का निष्पादन न किया जाये। दोषसिद्ध अपराधी पप्पू उर्फ चंद्रकुमार को धारा 506 में 2 वर्ष का सश्रम कारावास एवं दस हजार रुपये का अर्थदंड दिया जाता है। अर्थदंड अदा न करने पर उसको तीन माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास भोगना होगा।