फर्रुखाबाद: जिला जेल और सेन्ट्रल जेल में कैदियों को जो सुबिधाये मिल रही है वह किसी अच्छे से अच्छे होटल में भी शायद नही मिलती होगी| सब जानकारी होने के बाद भी जेल अधिकारी व प्रशासन राम नाम का चोला उडे है| तलाशी में कुछ मिलता नही और अधिकारी भी किसी पचड़े में पड़ना नही चाह रहे| क्योंकि इन सब कामो से उन्हें कई हजार रुपये मासिक का नुकसान हो जायेगा|
बीते दिनों सेन्ट्रल जेल में खीर के अंदर मोबाइल मिला था| लेकिन विभाग इस मामले को जेल के अन्दर ही पी गया| कुछ मुलाकातियो ने बताया की उनके बंदी ने जेल के अद्नर से फोन पर बात कि और मुलाकात के लिये बुलाया| जेल सूत्रों की माने तो जेल में बंद कुल कैदियों में से 60 प्रतिशत कैदी मोबाइल सेवा का इस्तेमाल कर रहे है| जिसके बदले में जेल अधिकारियो को मोटी रकम भी दी जा रही है|
मोबाइल चार्ज करने से लेकर बात करने तक के पैसे लग रहे है| खतरनाक कैदी अपने गुर्गो से मोबाइल से सम्पर्क बनाये रहते है| मोबाइल रखने की बसूली बैरग के हिसाब से होती है| एक जेल अधिकारी ने नाम ना छपने की शर्त पर बताया की इस बात से इंकार नही किया जा सकता कि कैदियों के पास मोबाइल नही है| लेकिन राजनैतिक पकड़ के कारण कैदियों पर कोई कार्यवाही नही हो पाती है|
अपर पुलिस अधीक्षक ने सोमबार को जिला जेल अधीक्षक विपिन मिश्रा व सेन्ट्रल जेल अधीक्षक राम कुमार त्रिपाठी को बुलाकर जेलों की सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश दिये| साथ ही साथ यह भी आदेश दिये है कि कैदियों के पेशी पर जाते व आते समय सघन तलाशी होनी चाहिए| जिससे जेल में जाने वाली आपत्ति जनक बस्तुओ पर लगाम लगायी जा सके|