नई दिल्ली: रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने रेल बजट पेश करते हुए रेलवे की सूरत सुधारने की बात कही। प्रभु ने कहा कि आने वाले पांच साल में भारतीय रेल को कायाकल्प से गुजरना होगा। प्रभु ने कहा कि हमने अपने लिए चार लक्ष्य निर्धारित किए हैं। क्या हैं ये चार लक्ष्य, पढ़ें-
1. हम ऐसी पहल शुरु करेंगे जिसमें स्वच्छता, सहूलियत, सुगमता, सेवा गुणवत्ता और गाड़ियों की गति से संबंधित यात्रियों की समस्याएं यथावत ढंग से दूर की जाएंगी।
2. रेलवे को यात्रियों के लिए सुरक्षित साधन बनाएंगे। महिलाओं की सुरक्षा पर खास ध्यान दिया जाएगा। हेल्पलाइन नंबर 182 जारी किया जाएगा।
3. भारतीय रेल की क्षमता में पर्याप्त विस्तार करना और इसकी अवसंरचना को आधुनिक बनाना। हमारे नागरिकों के लिए रेल यात्रा के महत्व को देखते हुए हम अपनी यात्री वहन क्षमता 21 मिलियन यात्री प्रतिदिन से बढ़ाकर 30 मिलियन तक करेंगे। हम रेलपथ की लंबाई भी 20% तक बढ़ाकर 1,14,000 किमी. से 1,38,000 किमी. तक करेंगे। हम अपनी वार्षिक मालवाहक क्षमता 1 बिलियन टन से बढ़ाकर 1.5 बिलियन टन करेंगे।
4. भारतीय रेलवे को वित्तीय रुप से आत्मनिर्भर बनाना होगा। इसका आशय यह है कि अपने परिचालन से हमारे लिए अत्याधिक अधिशेष का सृजन होगा, जो केवल हमारी क्षमता विस्तार के वित्तपोषण हेतु आवश्यक ऋण की अदायगी के लिए नहीं होगा बल्कि उससे हमारी क्षतिग्रस्त परिसंपत्तियों को सतत आधार पर बदलने हेतु निवेश के लिए भी पर्याप्त होगा। इसके लिए परिचालन दक्षता, लागत पर कड़ा नियंत्रण, परियोजना के चयन एवं निष्पादन में अधिक अनुशासन और भारतीय रेल की राजस्व सृजन करने की क्षमता में अभूतपूर्व बढ़ोतरी होगी।