लखनऊ:शुरुआती दौर में स्वाइन फ्लू के मरीजों को उचित इलाज नहीं दे पाना स्वास्थ्य विभाग को अब भारी पड़ रहा है। प्रदेश भर में प्रतिदिन मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। बुधवार को सिर्फ लखनऊ में स्वाइन फ्लू के 54 मरीज मिले हैं, जबकि प्रदेश के अलग-अलग जिलों में तीन लोगों ने दम तोड़ दिया।
तमाम तैयारियों के दावों के बावजूद राजधानी लखनऊ में स्वाइन फ्लू का प्रकोप थमा नहीं है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार बुधवार को केजीएमयू व पीजीआइ में हुई जांचों में 54 मरीजों में एच वन एन वन वायरस की पुष्टि की गई है। इन मरीजों के बढ़ने से राजधानी में अब पीड़ितों की संख्या 327 हो गई है। कानपुर से बुधवार को 11 नमूने लखनऊ भेजे गए हैं। स्वाइन फ्लू का संदेह जताते हुए शहर के एक जनप्रतिनिधि की रिश्तेदार को हैलट अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वाराणसी के मंडलीय अस्पताल से स्वाइन फ्लू के रोगियों का इलाज नहीं करने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने डाक्टर की पहचान के लिए दो सदस्यीय जांच कमेटी गठित की है। इलाहाबाद के यूनाइटेड कालेज के छात्रों ने बुधवार को परीक्षा न कराने और कालेज बंद करने की मांग को लेकर हंगामा कर दिया। छात्रों का कहना है कि स्वाइन फ्लू का खतरा मंडरा रहा है। ऐसे में उन्हें भी इसकी चपेट में आने का खतरा है।
रुहेलखंड में भी स्वाइन फ्लू का संकट बढ़ गया है। बरेली में आइवीआरआइ के एएओ और कमिश्नरी के प्रशासनिक अधिकारी में इसके लक्षण मिले हैं। बदायूं में एक व्यक्ति की मौत हो गई। डर के कारण लोग उसके जनाजे में शामिल नहीं हुए। पीलीभीत में एक ही परिवार के पांच लोगों को स्वाइन फ्लू की आशंका है। उधर, शाहजहांपुर में डीएम शुभ्रा सक्सेना ने स्वस्थ होने के बाद कामकाज संभाल लिया है। अभी बरेली के नवोदय विद्यालय में बच्चों का इलाज चल रहा है। स्वाइन फ्लू के खौफ के कारण दस दिनों से बंद अलीगढ़ मुस्लिम यूनीवर्सिटी गुरुवार से खुलने जा रही है। चार दिन से मेरठ में भर्ती हापुड़ के एक युवक ने स्वाइन फ्लू पुष्टि होने के बाद दिल्ली ले जाते वक्त रास्ते में दम तोड़ दिया। बुलंदशहर के एक व्यापारी की भी मौत हो गई।