फर्रुखाबाद : बीते आठ माह पूर्व सेंट्रल बैंक फतेहगढ़ में धोखाधड़ी कर खाते से 71 लाख 40 हजार 300 रुपये निकालकर हड़पने के मामले में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट राधेश्याम यादव ने एफआर निरस्त कर बैंक के तत्कालीन शाखा प्रबंधक आरके गुप्ता, जेपी कुशवाहा, नरेंद्र यादव और भोलेपुर बेवर रोड के मोहल्ला ऊंचा निवासी अजय कश्यप के खिलाफ न्यायालय में मामला दर्ज कर 28 फरवरी को तलब किया है।सीजेएम ने आदेश में कहा कि विवेचक त्रिभुवन सिंह ने अभियुक्तगणों से मिलकर तथ्यों को छिपाया है।
शहर के मोहल्ला अढ़तियान निवासी प्रदीप अग्निहोत्री ने फतेहगढ़ कोतवाली में 2 मई 2014 को दर्ज कराये मुकदमे में कहा था कि उन्होंने बेवर रोड निवासी आरोपी अजय के साथ दवा का थोक व्यापार करने के लिए ज्ञान एजेंसी के नाम से वर्ष 2006 में अनुबंध कराया था। सेंट्रल बैंक की शाखा फतेहगढ़ में उन्होंने व्यापार संबंधी लेनदेन करने के लिये शामिलात खाता खुलवाया था। वर्ष 2008 से वह दूसरे व्यवसाय में व्यस्त हो गये और खाते के लेनदेन पर ध्यान नहीं दिया। इस दौरान वर्ष 2013 तक आरोपी अजय ने बैंक के शाखा प्रबंधक अजय गुप्ता, जेपी कुशवाह, नरेंद्र यादव से सांठगांठ कर एकल हस्ताक्षर से 71 लाख 40 हजार 300 रुपये निकालकर हड़प लिये। जानकारी होने पर दो मई को जब वह बैंक गये तो शाखा प्रबंधक व अन्य आरोपियों ने उनके साथ अभद्रता की। सीजेएम ने आदेश में कहा कि विवेचक त्रिभुवन सिंह ने अभियुक्तगणों से मिलकर तथ्यों को छिपाया है।
शाखा प्रबंधक ने खाते से संबंधित दस्तावेजों की जानकारी नहीं दी और न ही वादी का बयान दर्ज किया। इस बीच फर्म का पता भी बदल दिया गया। पत्रावली के अवलोकन से पता चला है कि प्रदीप कुमार ने कोतवाली प्रभारी को तहरीर देकर रिपोर्ट दर्ज कराई। जिसका उल्लेख नहीं किया गया और विवेचना मनमाने तरीके से की गई। इस मामले में सीजेएम ने अंतिम आख्या निरस्त कर सभी आरोपियों को तलब कर लिया है।