विधायक उमा शंकर तथा बजरंग बहादुर बर्खास्त

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UMAA SHANKARलखनऊ: पद पर रहते हुए लाभ लेने के मामले में फंसे बहुजन समाज पार्टी के उमा शंकर सिंह तथा भारतीय जनता पार्टी के बजरंग बहादुर सिंह को उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने विधायक पद से बर्खास्त कर दिया है। इनके खिलाफ राज्यपाल ने चुनाव आयोग की संस्तुति पर कार्रवाई की है।

राज्यपाल राम नाईक ने बलिया की रसड़ा विधान सभा सीट से बहुजन समाज पार्टी के विधायक उमाशंकर सिंह तथा महाराजगंज की फरेन्दा विधान सभा सीट से भाजपा के विधायक बजरंग बहादुर सिंह की विधान सभा की सदस्यता समाप्त करने का आदेश दिया है।

मौजूदा विधान सभा के लिए चुने गए उमाशंकर सिंह वर्ष 2009 से सरकारी ठेके लेकर सड़क निर्माण का कार्य करते आ रहे थे जबकि बजरंग बहादुर सिंह विधायक चुने जाने के बाद सड़क निर्माण का ठेका लोक निर्माण विभाग से 15 अक्टूबर, 2012 को लिया था। निर्वाचन आयोग की रिपोर्ट के आधार पर राज्यपाल राम नाईक ने उमाशंकर को विधायक निर्वाचित होने की तिथि 6 मार्च 2012 से व बजरंग बहादुर को ठेका लेने की तिथि 15 अक्टूबर, 2012 से विधान सभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित किया है।

नाईक ने मुख्य सचिव को सदस्यता समाप्ति के आदेश को तत्काल राजकीय गजट में प्रकाशित कराने के निर्देश दिए है। विदित हो कि लोकायुक्त न्यायमूर्ति एनके मेहरोत्रा ने सरकारी ठेके लेने के आरोप में दोनों विधायकों को दोषी पाते हुये मुख्यमंत्री को अपनी जांच रिपोर्ट भेजी थी जिसे मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राज्यपाल राम नाईक को भेज दिया था। राज्यपाल ने आज इनको बर्खास्त कर दिया।