भुखमरी के शिकार मजदूर भूले मनरेगा दिवस

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फर्रुखाबाद: प्रधानों के आलस पन के कारण महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना मनरेगा के मजदूरों पर तुषारापात हो गया है| बीते २ माह से काम न मिलने के कारण मनरेगा मजदूर भुखमरी की कगार पर पहुँच गए हैं|

भूंखे मरने की नौवत देख मनरेगा मजदूर अब गाँव छोड़कर मजदूरी की तलाश में इधर-उधर भटक रहे हैं, अब उनकी कोई सुध लेने वाला नहीं है| जबकि बीते माह जिला पंचायत सदस्य पद के प्रत्याशी प्रधान,बीडीसी व ग्राम पंचायत सदस्य पद के प्रत्याशी मजदूरों के घर पर रोजाना हाजिरी लगाकर वोट देने की फ़रियाद करते थे| मजदूरों को मनरेगा का दिलाने का भी वायदा किया गया था|

केंद्र सरकार ने मनरेगा मजदूर को प्रतिवर्ष हर हालत में १०० दिन काम देने का वायदा किया है| मजदूरों से गाँव की क्षतिग्रस्त सड़कों पर मिट्टी का भराव, नए चकरोड, तालाब की खुदाई आदि कार्य कराये जाते हैं|

तहसील कायमगंज में आज मनरेगा दिवस पर कोई भी मजदूर नहीं पहुंचा| जिसके कारण वहां कोई अधिकारी व कर्मचारी मौजूद नहीं रहा|