फर्रुखाबाद: सरकारी अस्पतालों का हाल हर जगह यही है| कानून तो है लेकिन पालन कराने में पेंट गीली होती है| कोई कुछ कहना नही चाहता| जब बात उजागर हो जाती है तो अधिकारी कार्यवाही,जाँच के बाद करने की कहकर पल्ला झाड लेते है| कुछ यही नजारा बुधवार को लोहिया अस्पताल में नजरआया| अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ० रतन कुमार ने औचक निरीक्षण के दौरान राजस्व को चूना लगाने वाले मामले को पकड़ा| और उन्होंने भी यही कहा की कार्यवाही जाँच के बाद की जाएगी|
सीएमएस ने मरीजो की शिकायत पर अन्दर जाकर देखा तो वार्ड में तैनात वार्ड बाय कमलेश था| जो कि बिना रजिस्ट्रेशन के मरीजो का प्लास्टर करने में लगा हुआ था|जबकि प्लास्टर का सरकारी शुल्क क्रमश: कच्चे का 70 रूपये व पक्के प्लास्टर का 270 रूपये है| इसके बाद भी कर्मचारी सरकारी शुल्क जमा किये बिना ही मरीजो से धन उगाई करके अपनी जेबे गर्म कर राजस्व को प्रति वर्ष लाखो का चूना लगा रहे है| जब यह मामला सीएमएस के पकड़ में आया तो उन्होंने कार्यवाही की बात कही| मजे की बात यह है की यह सब कुछ आज तो शुरू नही हुआ| बल्कि यह खेल वर्षो से चल रहा है| कार्यवाही हो जाये तो कुछ दिनों तक शायद मरीजो की जेबों पर डाका ना पड़े|
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