सुवा:अपनी 10 दिनों की विदेश यात्रा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वदेश के लिए रवाना हो गए हैं। फिजी में उनकी विदाई भी शानदार ढंग से की गई। मोदी ने इस दौरान म्यांमार, आस्ट्रेलिया और फिजी का दौरा किया। इसके साथ ही जी20 देशों की बैठक में भी भागीदारी की। विदेशों में रहने वाले भारतीयों के लिए भी पीएम मोदी की यह यात्रा यादगार रही।
यहां पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत पीएम मोदी ने सिविल सोसाइटी के लोगों से मुलाकात की। फिजी नेशनल यूनिवर्सिटी में आयोजित इस कार्यक्रम में मोदी ने सिविल सोसाइटी के प्रतिनिधियों को संबोधित किया। इस दौरान लोग मोदी को देखने और सुनने के लिए काफी उत्साहित थे। मोदी ने फिजी में स्कूली बच्चों से मुलाकात की और उन्हें देख बच्चे काफी खुश हुए।
मोदी ने इस अवसर पर कहा कि भारत सिर्फ भारत का विकास नहीं चाहता, बल्कि सहयोगी देशों के साथ समग्र विकास की परिकल्पना कर रहा है। इस दौरान उन्होंने मार्स आर्बिटर मिशन में फीजी की ओर से दी गई मदद की भी चर्चा की। पीएम मोदी ने कहा कि भारत पुन: ‘विश्वगुरु’ होने की तरफ अग्रसर है।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को यहां अपने समकक्ष फ्रैंक बैनीमरामा के साथ द्विपक्षीय वार्ता की। जिसके बाद भारत और फिजी के बीच तीन मुद्दों पर समझौते किए गए।
भारत ने सह-उत्पादन विद्युत संयंत्र के लिए फिजी के लिए 70 मिलियन यूएसडी लाइन ऑफ क्रेडिट की घोषणा की। इसके अलावा मोदी ने लघु व्यवसाय और ग्रामीण उद्यमों के विकास के लिए 5 मिलियन अमेरिकी डॉलर के कोष की घोषणा भी की।
तीन देशों की अपनी यात्रा के अंतिम चरण में प्रधानमंत्री मोदी मंगलवार को फिजी पहुंचे। मोदी का फिजी की राजधानी सुवा के अल्बर्ट पार्क में पारंपरिक तरीके से स्वागत किया गया। यहां पहुंचने पर बैनीमरामा ने उनकी अगवानी की। भारत से रवाना होने से पहले फिजी के बारे में मोदी ने कहा था कि सितंबर माह में लोकतंत्र की वापसी के बाद इस देश की यात्रा करना उनका विशेषाधिकार होगा।
वहीं, मोदी के आगमन से पहले, फिजी में उनके समकक्ष बैनीमरामा ने कल कहा था कि भारतीय प्रधानमंत्री की यह यात्रा उनके देश के लिए क्षेत्रीय नेता के तौर पर अपनी स्थिति को मजबूत करने का एक अवसर है।
गौरतलब है कि करीब 849,000 लोगों की आबादी वाले देश फिजी में करीब 37 फीसद लोग भारतीय मूल के हैं। ज्यादातर भारतीय 19 वीं सदी में श्रमिकों के तौर पर फिजी आए थे। फिजी और भारत के संबंध 135 साल पुराने हैं। वर्ष 1970 में दोनों देशों के बीच औपचारिक कूटनीतिक संबंध स्थापित हुए।
उल्लेखनीय है कि पिछले 33 सालों में यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली फिजी यात्रा है। इससे पहले 1981 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने फिजी की यात्रा की थी। मोदी बृहस्पतिवार की सुबह भारत वापस जाएंगे।
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