फर्रुखाबाद: शासनादेशों के फेर में राशन कार्ड फंसकर रह गया है। सरकार भी कोई ठोस फैसला नहीं ले पा रही। हाल में छपे नये राशन कार्ड फिर बेकार हो गए। अब उनकी जगह नये राशन कार्ड छापने की प्रक्रिया फिर शुरू होगी जिसमें उपभोक्ताओं को बैंक पासबुक की तरह राशन कार्ड दिए जाएंगे।
पुराने राशन कार्ड की वैधता अक्टूबर 2010 में खत्म हो गई थी। इसके बाद हर बार यह वैधता बढ़ाई गई। कभी चुनाव तो कभी शासनादेश बदलने से प्रक्रिया को चार साल बीत गए। इस बीच कई बार उपभोक्ताओं से नए राशन कार्ड के लिए फार्म भी भरवाए गए लेकिन नया राशन कार्ड उपभोक्ताओं को नहीं मिला। नए राशन कार्ड के लिए सरकार ने एक साफ्टवेयर बनाया और साल भर पहले फिर प्रक्रिया शुरू हुई। काम की तेजी और उपभोक्ताओं को डाटा फीड करने का क्रम चला तो लगा इस बार राशन कार्ड मिल जाएंगे। उपभोक्ताओं को बांटने के लिए एक लाख नये राशन कार्ड छापे भी गए लेकिन नया आदेश आने से फिर यह फंस गए। आपूर्ति विभाग के अधिकारिक सूत्रों की माने तो उपभोक्ताओं को पासबुक की तरह राशन कार्ड दिए जाएंगे। इसकी कोई अधिकारिक सूचना अभी विभाग को नहीं दी गई है लेकिन इसके लिए काम शुरू करने के मौखिक निर्देश मिल गए हैं। उधर, शेष बचे राशन कार्ड उपभोक्ताओं का डाटा अब आफलाइन की बजाय आनलाइन लिया जाएगा। बता दें 2 लाख उपभोक्ताओं का डाटा एनआईसी को भेजा जा चुका है। डाटा फीडिंग में सत्यापन के दौरान आई समस्याओं को देखते हुए यह निर्णय लिया गया। लिहाजा एक बार फिर कोटेदार उपभोक्ताओं से फार्म भरवाने में जुटेंगे।