फर्रुखाबाद: भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) गोदाम खिमसेपुर से कलाबाजारी के लिए चला 670 कुंतल गेहूं सोमवार रात को मोहम्मदाबाद के एक फ्लोर मिल से पकड़ लिया गया| कालाबाजारी के लिए लाया गया गेहूं दो ट्रकों और दो ट्रेक्टर ट्रालियों पर लदा हुआ था| पुलिस ने गेहूं लदे दोनों वाहनों को अपने कब्जे में ले लिया है और डिप्टी आरएमओ की तहरीर पर 9 आरोपियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर ली है|
खाद्य एवं विपणन विभाग व जिला पूर्ति विभाग के अफसरों को सोमवार शाम सूचना मिली थी कि मोहम्मदाबाद नगर के गंगा फ्लोर मिल में कुछ वाहन खड़े हैं| जिनपर कालाबाजारी के लिए लाया गया सरकारी गेहूं लदा हुआ है| जिसपर डिप्टी आरएमओ अनुराग पाण्डेय, डीएसओ हिमांशु द्विवेदी ने जिला पूर्ति कार्यालय लिपिक राजीव कुमार और जितेन्द्र बाबू के साथ फ्लोर मिल में पहुंचकर छापेमारी करने पहुंचे| फ्लोर मिल पर पड़े छापे से मिल में हडकंप मच गया| फ्लोर मिल मालिक सहित वहां के सभी कर्मचारी मौक़ा देखकर खिसक लिए| मिल में दो ट्रक यूपी 63-ए 4818 और यूपी 83-9537 और दो बिना नंबर की ट्रेक्टर ट्रालियां खडीं थीं जिनपर बोरियां लदी हुईं थीं| बोरियों के ऊपर भारतीय खाद्य निगम का लोगो छपा हुआ था| बोरियों के अन्दर एपीएल राशन का गेहूं भरा हुआ था| जांच में सरकारी गेहूं की पुष्टि होने पर अफसरों ने पुलिस को वाहनों सहित गेहूं को कब्जे में लेने के निर्देश दिए| पुलिस ने गेहूं लदे वाहनों के साथ ही तीन वाहन चालकों को भी गिरफ्तार कर लिया| जबकि एक चालक मौके से फरार होने में सफल हो गया| फ्लोर मिल से सरकारी गेहूं बरामद होने पर अफसरों ने मिल को सील कर दिया है| मंगलवार को जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी अनुराग पाण्डेय ने कोतवाली में तहरीर देकर 9 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया| जिनमे गंगा फ्लोर मिल के मालिक, ठेकेदार, डीएस ट्रांसपोर्ट, एके ट्रांसपोर्ट, एफसीआई गोदाम के लिपिक के अलावा ट्रक चालक अभिजीत, राजेश, अल्लू व एक अज्ञात चालक शामिल है| इसके साथ ही एफसीआई गोदाम खिमसेपुर को भी सील कर दिया गया|
18 घंटे बाद दर्ज करवाई गई एफआईआर
मोहम्मदाबाद के गंगा फ्लोर मिल से कालाबाजारी का सरकारी गेहूं बरामद होने के 18 घंटे बाद एफआइआर दर्ज हो सकी| मोहम्मदाबाद के प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि तहरीर विलम्ब से मिलने के कारण एफआइआर दर्ज करने में विलम्ब हुआ| लेकिन एफआइआर देरी से दर्ज होना मोहम्मदाबाद नगर के लोगों के लिए चर्चा का विषय बनी रही| गौरतलब है कि सोमवार रात 9 बजे फ्लोर मिल से सरकारी गेहूं पकड़ा गया| जबकि मामले की एफआइआर मंगलवार को अपराहन 2 बजे के बाद दर्ज हो सकी| लोग इसको वास्तविक दोषियों के बचाव के रूप में देख रहे हैं| लोगों का मानना है, इस खेल में कहीं न कहीं विभागीय अफसर भी शामिल हैं लेकिन उनको बचाने की कोशिश की जा रही है| बिना अफसरों की रजामंदी के इतनी बड़ी घटना को अंजाम नहीं दिया जा सकता|
डीएम के निर्देश पर हुई कार्रवाई!
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताविक कालाबाजारी के लिए सरकारी गोदाम से फ्लोर मिल में लाए गए गेहूं की भनक जिलाधिकारी एनकेएस चौहान को लग गई थी| जिसपर डीएम ने स्वयं छापेमारी के निर्देश दिए थे| डीएम के आदेश की बजह से ही खाद्य एवं विपणन विभाग और जिला पूर्ति विभाग के साथ ही स्थानीय पुलिस के आगे कार्रवाई करने के अतिरिक्त कोई चारा नहीं बचा था| ऐसे में मरता क्या नहीं करता, लिहाजा कार्रवाई करनी ही पड़ी| जिससे देश की जनता की गाडी कमाई से खरीदा गया सैकड़ों क्विंटल गेहूं कालाबाजारी होने से बच गया| हाँ, तब और भी अधिक ख़ुशी होती जो राशन कालाबाजारी से जुड़े वास्तविक माफियाओं के हाथों में हथकड़ी लग पाती| लेकिन ऐसे लोगों को बचाने के लिए राजनैतिक गेम शुरू हो चुका है| अब इसकी कम ही उम्मीद है कि मामले के वास्तविक दोषी कभी पकडे जा सकेंगे|