फर्रुखाबाद: जैसे ही भगवान श्री राम का तीर रावण के नाभि में लगा। खुद को मौत से परे समझने वाला दंभी रावण धरती पर गिर पड़ा। जिसके गिरने पर धरती डोल उठी थी, उस रावण का कुछ ही पलों में नाश हो गया।
क्रिश्चियन कालेज मैदान में चल रहे दशहरा मेले के अंतिम दिन रावण, मेघनाथ और कुंभकरण के पुतले शनिवार शाम को मिनटों में ही खाक हो गए। ठीक वैसे ही जैसे कि तीन लोक के स्वामी रावण का उम्र भर का दंभ प्रभु श्रीराम के आगे कुछ ही देर में नष्ट हो गया था। बुराई और झूठ पर सच की विजय के प्रतीक पर्व दशहरा पर रावण परिवार के पुतलों का दहन देखने शहरवासी उमड़ पड़े।
श्री राम लीला कमेटी की ओर से आयोजित मेले के अंतिम दिन हजारों लोग रावण परिवार के पुतलों के दहन और आकर्षक हवाई आतिशबाजी देखने पहुंचे। शाम करीब 7.10 बजे शुरू हुई रंग-बिरंगी हवाई आतिशबाजी करीब 50 मिनट तक हुई, जिसका लुत्फ हजारों मेलार्थियों ने लिया। आतिशबाजी में रंग-बिरंगे झाड़ बनाए गए थे। सबसे पहले कुंभकर्ण के पुतले की बत्ती को आग लगायी गयी , इसके बाद मेघनाद के पुतले को मंत्रो’चार के बाद आग लगाई। सबसे अंत रावण के पुतले की बत्ती को आग लगाई। कुंभकर्ण व मेघनाद के पुतले क्रमश: एक मिनट 20 सैकंड व दो मिनट 31 सैकंड तक जलकर ढांचे में बदल गए, वहीं रावण का पुतला तीन मिनट एक सैकंड जलने के बाद धराशायी हो गया।
इस दौरान विहार में हुई घटना को देखते हुए भारी मात्रा में पुलिस बल तैनात कर दिया गया था| आवास विकास तिराहे से भारी वाहन के प्रवेश पर रोक लगा दी गयी थी| पुलिस के कई आला अधिकारी मौके पर निगाह जमाये रहे| रावण के पुतले की जली हुई लकड़ी को लुटने के लिए भीड़ की पुलिस से भिडंत हुई तो पुलिस ने कई दौर में भीड़ को लाठी पटक कर भगाया| राम लीला कमेटी के सभी पदाधिकारी मौजूद रहे|
रॉकेट भीड़ में गिरने से मंची भगदड़
जिस समय अतिशबाज पटाखे चला रहे थे उसी समय अचानक कई रॉकेट भीड़ में जा गिरे जिससे कई बाल बाल बच गये| कई रॉकेट कालेज के पीछे मोहल्ले में जा गिरे जिससे छतो पर खड़े लोगो को नीचे उतरने पर मजबूर कर दिया|