वॉशिंगटन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से मुलाकात के बाद दोनों देशों की तरफ से संयुक्त बयान जारी किया गया है| जिसमे अमेरिका ने भारत को इलाहाबाद, अजमेर और विशाखापत्तनम में तीन स्मार्ट शहरों के विकास में मदद करने का भरोसा दिया है| इसके साथ ही अमेरिका भारत के 500 शहरों में नागरिक समाज और स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर स्वच्छ पेयजल और जल प्रदूषण की निकासी में सुविधा प्रदान करने के लिए काम करेगा।
ओबामा और प्रधानमंत्री मोदी के बीच शिखर वार्ता के बाद दोनों ने कहा कि साउथ और वेस्ट एशिया में पनप रहे आतंकवाद की चुनौतियों से निपटने के लिए खुफिया सूचनाओं के लेन-देन पर सहमति बनी है। मोदी ने अमेरिकी रक्षा कंपनियों को भारत आने का न्योता दिया। विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) पर भी दोनों में खुलकर बात हुई। शीघ्र ही कोई रास्ता निकलने की उम्मीद जताई गई। क्लाइमेंट चेंज पर भी दोनों देश सहयोग बढ़ाने को राजी हुए हैं। मोदी ने ओबामा को परिवार सहित भारत आने का भी निमंत्रण दिया।
संयुक्त बयान की खास बातें:-
परमाणु कारोबार के लिए अंतर एजेंसी समूह
असैन्य परमाणु करार को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए भारत और अमेरिका ने जवाबदेही और तकनीकी मुद्दों से निपटने के लिए अंतर एजेंसी सम्पर्क समूह गठित करने का निर्णय किया जो भारत में अमेरिका निर्मित परमाणु रिऐक्टर स्थापित करने में आ रही बाधाओं से जुड़े मुद्दों को देखेगा। भारतीय पक्ष की ओर से अंतर एजेंसी सम्पर्क समूह में परमाणु उर्जा विभाग, विदेश मंत्रालय और वित्त मंत्रालय के प्रतिनिधि होंगे।
रक्षा समझौते के नवीकरण पर सहमति
भारत और अमेरिका अपने रक्षा समझौते को अगले दस सालों के लिए बढ़ाने पर सिद्धांतत: राजी हो गए जिससे दोनों देशों के बीच महत्वपूर्ण क्षेत्र में सहयोग को गति मिलेगी। अमेरिका भारत के साथ 20 हजार करोड़ रुपए से अधिक के रक्षा सौदे करने को प्रयासरत है जिनमें हमलावर अपाचे हेलिकॉप्टर, भारी मालवाहक विमान चिनुक और टैंक रोधी निर्देशित मिसाइल जेवलिन शामिल हैं। वह पहले ही पिछले दस सालों में भारत को 60 हजार करोड़ रुपए के उपकरण बेच चुका है लेकिन इनमें से कोई भी हथियार बिक्री कार्यक्रम संयुक्त उत्पादन या सह विकास के बारे में नहीं हैं व इसमें तकनीक का हस्तांतरण भी शामिल नहीं है।
आतंक से निपटने पर सहमति
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि दक्षिण और पश्चिम एशिया सहित विश्व में पनप रहे आतंकवाद की चुनौतियों से निपटने के लिए भारत और अमेरिका में आतंकवाद निरोधक पहल और इस संदर्भ में खुफिया सूचनाओं का आदान-प्रदान करने पर सहमति बनी है।
आतंक के खिलाफ ऐक्शन
मोदी और ओबामा के बीच बैठक के बाद अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि भारत पश्चिम एशिया में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को लेकर बने ‘किसी गठबंधन’ में शामिल नहीं होगा। इसी प्रकार, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अफगानिस्तान में त्रिपक्षीय साझेदारी सैन्य सहयोग के बजाय विकास के मुद्दे पर आधारित होगी। आतंकवाद के खिलाफ भारत अमेरिकी सहयोग को और आगे बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति बराक ओबामा लश्कर ए तैयबा, जैश ए मोहम्मद, दाऊद कंपनी, अल कायदा और हक्कानी नेटवर्क जैसे आतंकवादी समूहों और आपराधिक नेटवर्कों को ध्वस्त करने के लिए ‘संयुक्त और सतत प्रयास’ करने पर सहमत हुए। मोदी और ओबामा ने वाइट हाउस में दो घंटे से अधिक चली अपनी पहली शिखर बैठक में इस बात पर भी सहमति जताई कि दोनों देश इन आतंकवादी समूहों के वित्तीय और उन्हें मिल रहे अन्य प्रकार के सहयोग को ध्वस्त करने की दिशा में कदम उठाएंगे।
इबोला से लड़ाई
भारत और अमेरिका ने अफ्रीका के कुछ क्षेत्रों में फैली जानलेवा बीमारी इबोला पर गहरी चिंता जताई और प्रधानमंत्री मोदी ने इस बीमारी से लड़ने के लिए एक करोड़ डॉलर की मदद देने का ऐलान किया।
डब्ल्यूटीओ पर खुलकर बातचीत
ओबामा से शिखर बैठक के बाद संयुक्त बयान दिए जाने के समय मोदी ने कहा, ‘डब्ल्यूटीओ के मुद्दे पर खुलकर बात हुई। हम व्यापार सरलीकरण का समर्थन करते हैं, पर साथ ही हम चाहते हैं कि हमारी खाद्य सुरक्षा चिंताओं का समाधान होना चाहिए और हम उम्मीद करते हैं कि ऐसा शीघ्र होगा।’ गौरतलब है कि जुलाई में जिनीवा में हुई डब्ल्यूटीओ की बैठक में खाद्य सुरक्षा के मुद्दे पर भारत ने कड़ा रुख अपनाया था और डब्ल्यूटीओ के व्यापार सरलीकरण समझौते (टीएफए) का अनुमोदन करने से इंकार कर दिया था।
मंगल मिशन के बाद मुलाकात
मंगल ग्रह पर भारतीय और अमेरिकी मिशनों के पहुंचने के कुछ ही दिनों के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ अपनी मुलाकात के महत्व को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि लाल ग्रह पर भारत अमेरिका शिखर मिलन के बाद अब बारी है धरती पर दोनों राष्ट्रों के नेताओं के मुलाकात की।
मार्टिन लूथर किंग को श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इसके बाद मार्टिन लूथर किंग जूनियर के स्मारक का दौरा किया और अफ्रीकी-अमेरिकी नागरिक अधिकार आंदोलन के नेता को संयुक्त रूप से श्रद्धांजलि दी। ओबामा आखिरी समय में मार्टिन लूथर किंग जूनियर को श्रद्धांजलि देने मोदी के साथ शामिल हुए। शुरुआती योजना के अनुसार मोदी को अकेले स्मारक जाना था लेकिन अंतिम समय में अमेरिकी राष्ट्रपति ने भी उनके साथ जाने का निर्णय लिया। मार्टिन लूथर किंग जूनियर (15 जनवरी, 1929 से चार अप्रैल, 1968 तक) अमेरिकी कार्यकर्ता, मानवतावादी नेता और अफ्रीकी-अमेरिकी नागरिक अधिकार आंदोलन के नेता थे। मोदी ने ओबामा को उपहार में मार्टिन लूथर किंग की 1959 में हुई भारत यात्रा की ऑडियो विडियो क्लिप भेंट की।