72,825 शिक्षक भर्ती प्रक्रिया पर लग सकता है ब्रेक

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teacher jobडेस्क: प्रदेश सरकार की ओर से परिषदीय विद्यालयों में चल रही 72825 शिक्षक पदों पर भर्ती की तैयारी पर ब्रेक लग सकता है। यूपी बोर्ड की ओर से 2011 में हुई शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) की खामियों के कारण अभी तक हजारों अभ्यर्थियों को सही प्रमाण पत्र जारी नहीं हो सका है।

यूपी बोर्ड के पास इस समय टीईटी प्रमाण पत्रों में नाम, पिता के नाम, जन्मतिथि, कटेगरी सहित गलतियों के संशोधन के लगभग 10 हजार आवेदन लंबित हैं। सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश सरकार को 31 अगस्त तक शिक्षक भर्ती पूरा करने को कहा है। बोर्ड की ओर से प्रमाण पत्रों में संशोधन के बिना शिक्षक भर्ती एक बार फिर से फंस सकती है। एनसीटीई के निर्देश पर पहली बार सरकार की ओर से प्रदेश में पहली बार 2011 में टीईटी का आयोजन किया गया था।

सरकार ने पहली बार टीईटी के आयोजन की जिम्मेदारी यूपी बोर्ड को सौंपी थी। पहली बार हुई टीईटी में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी के कारण 2011-12 में प्रदेश सरकार की ओर से घोषित 72825 शिक्षक पदों की भर्ती पर अड़चन आ गई।

टीईटी प्रमाण पत्रों में हेराफेरी का आरोप
बोर्ड पर टीईटी प्रमाण पत्रों में हेराफेरी का आरोप भी लगा। इस मामले में पुलिस की कार्रवाई में तत्कालीन निदेशक सहित बोर्ड के कई अधिकारी जांच के दायरे में आए। जांच की इस प्रक्रिया के जारी रहने के कारण अभी तक यूपी बोर्ड से जुड़े टीईटी के सभी रिकार्ड सील हैं। इस कारण से प्रमाण पत्रों में संशोधन के लिए की गई अपील अभी तक पूरी नहीं हो सकी है।

यूपी बोर्ड की ओर से रिकार्ड सील होने के कारण भर्ती के दौरान भी टीईटी प्रमाण पत्रों का सत्यापन किस प्रकार से पूरा होगा, इसका जवाब शिक्षा विभाग के अधिकारियों के पास भी नहीं है। यूपी बोर्ड के पास भर्ती प्रक्रिया जारी होने की स्थिति में प्रमाण पत्रों के सत्यापन के लिए कोई रिकार्ड नहीं हैं।

यूपी बोर्ड के अपर सचिव कामता राम पाल का कहना है कि बोर्ड को रिकार्ड मिलने की स्थिति में प्रमाण पत्रों में हुई गड़बड़ी ठीक की जा सकती है। सत्यापन की प्रक्रिया तो चयन और नियुक्ति के बाद में होगी।

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