इस वर्ष मनाए जा रहे विश्व एड्स दिवस की थीम ‘रोगियों को मानवाधिकारों की जानकारी देना’ है। देखा गया है कि एड्स रोगियों को समाज में हीन दृष्टि से देखा जाता है। रिकवर कर चुके रोगियों को भी समाज में उचित स्थान नहीं मिल पाता। एचआईवी पॉजिटिव महिला का गर्भधारण करने से पूर्व परीक्षण एवं उपचार शुरू कर दिया जाए तो बड़े पैमाने पर एचआईवी एड्स को फैलने से रोका जा सकता है, क्योंकि इसके अभाव में उसके गर्भ में पलने वाला बच्च भी संक्रमित हो सकता है।
हालांकि यह परीक्षण एच्छिक है। इसके लिए किसी के साथ जोर जबरदस्ती नहीं की जा सकती है। अगर किसी रोगी का अचानक दस किलो तक वजन कम हो जाए, लंबे समय तक दस्त की शिकायत हो तथा बुखार रहता हो तो उसके लिए जांच करवाना ज्यादा आवश्यक है।
10 वर्ष बाद होता है हावी
चिकित्सकों ने बताया कि यह रोग संक्रमण के दस वर्षो बाद हावी होने लगता है। इसके लिए बेहद जरूरी है कि बचाव के तरीकों पर ध्यान आकर्षित किया जाए। विशेषज्ञ कहते हैं कि एड्स से संबंधित लक्षण पाए जाने पर तुरंत चिकित्सा सेवाएं लेना शुरू कर दें। चिकित्सकों को संबंधित समस्या बताने में हिचकिचाएं नहीं। इन सबसे ज्यादा जरूरत है परिवार और समाज से मिलने वाली सहानुभूति की।