फर्रुखाबाद:(कमालगंज) नए तकनीक के जमाने में सबूतों को जुटाने और तथ्यात्मक प्रक्रिया की जगह यूपी पुलिस खुदा का सहारा ले रही है| यही नहीं पुलिस वाकये की पुष्ठी के लिए अदालत के तरीको का इस्तेमाल अदालत से बाहर करने लगी है| कमालगंज थाने के अंतर्गत हुए रेप मामले में आरोपों की पुष्टि के लिए पुलिस ने पीडिता के पिता को मस्जिद में कुरान शरीफ की कसम दिलाकर आरोपों की पुष्टि की|
बलात्कार पीडिता के एक आरोपी के नाम को शामिल ना करने को लेकर पुलिस के एक आला अधिकारी ने उसके पिता का हांथ पवित्र कुरान शरीफ पर रखा कर कसम खिलवाई कि वह जिस आरोपी का नाम ले रहा है उसकी संलिप्तता अपराध में है या नहीं? वही जिसकी बेटी की जिन्दगी ही खराब हो गयी हो वह कैसे झूठ बोल सकता है| पुलिस के लाख प्रयास के बाद भी पीडिता के पिता ने बेटी से बलात्कार के आरोपी राहुल का घटना में शामिल होना गलत नही बताया|
बीते दिन कमालगंज थाना क्षेत्र के ग्राम शेखपुर नगला में मस्जिद के पेश इमाम व उसके दोस्त राहुल ने मिलकर एक युवती के साथ बलात्कार कर दिया था| जिसमे पेश इमाम को जेल भेजा दिया गया था लेकिन पुलिस ने आरोपी राहुल को गिरफ्तार नही किया गया| अब पुलिस उसे गिरफ्तार करने से पहले तस्दीक कर लेना चाहती है कि क्या बाकई में मुर्तजा उर्फ़ राहुल भी मामले में शामिल था या नहीं| मगर जो तरीका पुलिस ने अपनाया वो आधुनिक तकनीक के युग में गले नहीं उतर रहा है| दूसरी तरफ मुस्लिम समाज में भी पुलिस के इस तरीके की भर्स्तना हो रही है|
बीती रात पुलिस अधिक्षक कृपा शंकर सिंह पीड़ित युवती के पिता से मिले और उससे कहा कि वह आरोपी राहुल का नाम इस केस में गलत ले रहा है उसका इस घटना से कोई सम्बन्ध नही है| लेकिन पीड़िता के पिता ने उनकी बात पर तैयार नही हुआ| इसके बाद पीडिता के पिता को मस्जिद में ले जाया गया और पुलिस ने एसपी के सामने ही कुरान सरीफ पर हाथ रखा कर कहलाने का प्रयास कराया कि आरोपी राहुल घटना में शामिल नही था|
लेकिन पीडिता के पिता ने कुरान शरीफ पर हाथ रख कर कसम खाई कि घटना में राहुल का भी पूरी तरह से हाथ है| निराश होकर पुलिस बापस लौट गयी लेकिन पुलिस का यह फैसला समुदाय के लोगो के गले नही उतरा की पुलिस जांच छोड़कर कुरान पर हाथ रखती क्यों घूम रही है?? यह कई सबाल छोड़ गया| वैसे इस घटना से मुस्लिम समुदाय में खासी नाराजगी नजर आ रही है|
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