चोरो को पहरेदारी- खंड शिक्षा अधिकारी ने बनबाए तीन जिलो से चार मतदाता पहचान पत्र

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absaफर्रुखाबाद: मतदाता सूची को तारो ताजा और त्रुटी रहित रखने में चुनाव आयोग सबसे ज्यादा जिस कर्मचारी का इस्तेमाल करता है वो है सरकारी मास्टर| इन्हें बीएलओ बनाया जाता है और इन पर निगरानी की ड्यूटी थमाई जाती है खंड शिक्षा अधिकारियो को| इन कर्मचारियों पर फर्जी वोट हटाने और नए वोट जोड़ने की जिम्मेअदरी होती है| वोटर सूची के प्रथम श्रेणी के असल में ये पहरेदार होते है| मगर इन पहरेदारो पर पहरा देने वाले की जुर्रत देखिये| एक दो नहीं चार चार जगह मतदाता सूची में न केवल नाम दर्ज है बल्कि वोटर आईडी कार्ड भी बने है| ये है जनपद फर्रुखाबाद के राजेपुर के खंड शिक्षा अधिकारी बेगीश गोयल| आर बी मिश्र अधिवक्ता ने चुनाव आयोग को लोकप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 1950 के 31 सेक्शन के तहत बेगीश गोयल को दण्डित कराने के लिए सभी साक्ष्य भेजे है| चुनाव आयोग ने जाँच फर्रुखाबाद भेज दी है|

दरअसल में मतदाता सूची ने नाम शामिल करने के लिए फॉर्म संख्या 6 भरना होता है कि आवेदक का नाम देश की किसी अन्य मतदाता सूची में पहले से शामिल नहीं है| इसी के साथ आवेदक शपथ लेता है कि अगर वो कोई तथ्य छिपा रहा है और पकड़ा जाता है तो दंड का भागीदार होगा| ऐसे मान लो किसी एक जगह गलती हो सकती है, दो जगह हो सकती है मगर चार चार जगह वोट बन जाए और तो मामला गंभीर ही नहीं खतरनाक भी बनता है|

चुनाव आयोग को भेजी गयी शिकायत के अनुसार खंड शिक्षा अधिकारी बेगीश गोयल पुत्र अंगद राम का नाम वोटर लिस्तो में फर्रुखाबाद जनपद की 194 फर्रुखाबाद विधानसभा के बूथ संख्या 271 के क्रमांक 1598 पर, कन्नौज जनपद की 194 तिर्वा विधानसभा के बूथ संख्या 256 के क्रमांक 348 पर, बदायु जनपद के 115 बदायु विधानसभा के बूथ संख्या 217 के क्रमांक 461 पर और फर्रुखाबाद विधानसभा के बूथ संख्या 49 सातनपुर के क्रमांक 510 पर बतौर मतदाता दर्ज है|

बात यही पर ख़त्म नहीं होती| बेगीश गोयल की पत्नी विजय लक्ष्मी कमालगंज के प्राथमिक विद्यालय नगला दाउद में तैनात है| हालाँकि सुविधा के अनुसार इनका अटैचमेंट नगर में सोताबहादुर विद्यालय में करा लिया गया था| इनका भी नाम फर्रुखाबाद के बूथ संख्या 271 की मतदाता सूची के क्रमांक 1599 और जनपद कन्नौज के तिव्रवा विधानसभा के बूथ संख्या 256 के क्रमांक 151 पर बतौर मतदाता दर्ज है|

आरोपों के अनुसार इस प्रकार पति और पत्नी दोनों ने ही अपने कई कई मतदाता पहचान पत्र बनबाए और झूठी शपथ ली| जबकि दोनों के ही कंधे पर चुनाव आयोग की मतदाता सूची को साफ़ सुथरी और त्रुटी रहित बनबाने की जिम्मेदारी थी| यही नहीं इन लोगो के कथन के अनुसार पर ही जिलाधिकारी ने बतौर जिला निर्वाचन अधिकारी चुनाव आयोग को झूठा प्रमाण पत्र दिया कि जिले में त्रुटी रहित मतदाता सूची बनी है|

चुनाव आयोग को भेजी गयी शिकायत में दोनों को दण्डित करने की मांग की गयी है|

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