अखिलेश सरकार का ई गवर्नेन्स- शिक्षक भर्तियों में निकला कचूमर, हो रहा ऑनलाइन ऑफलाइन का खेल

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Video onlineफर्रुखाबाद: जहाँ देश के आंकड़ों में उत्तर प्रदेश ई गवर्नेंस में फिस्सडी बना हुआ है वहीँ दूसरी और ई गवर्नेंस में जो सेवाएं चालू की गयी है उनकी भी हवा निकली हुई है| नौकरी देने के लिए सरकारी वेबसाइट शुरू हुई तो उनकी हवा निकल गयी| 72000 शिक्षको की ऑफलाइन भर्ती को ऑनलाइन करने की कवायद शुरू हुई तो उसमे छक्के ही छूट गए| अन्य शिक्षको की भर्ती में केवल आवेदन ही ऑनलाइन लिए जा सके| कॉउंसलिंग के लिए जिलो के बेसिक शिक्षा कार्यालय को ऑफलाइन जूझना पड़ रहा है|

लोकवाणी और जनसेवा केन्द्रो की सेवाओ का हाल-
8 विभागों की 26 सरकारी सेवाएं जो जनता को लोकवाणी केन्द्रो और जान सेवा केन्द्रो के माध्यम से दी गयी उनमे केवल राजस्व विभाग के आय जाति और निवास प्रमाण पत्र जारी करने के अलावा बचे हुए 7 विभागों की हवा निकली हुई है| प्रदेश में इन दिनों राशन कार्ड का डिजिटाइजेशन अलग से बजट खर्च करके प्राइवेट फर्मों से करना पड़ रहा है| निकायों और ग्राम सभा में जन्म मृत्यु के प्रमाण पत्र आज भी ऑनलाइन की जगह ऑफलाइन जारी करने में कर्मी रूचि ले रहे है| अन्य विभागों की सेवाओ के बारे में तो प्रगति शून्य ही समझो| देश में कई प्रदेश सेवा देने में उत्तर प्रदेश से बहुत आगे निकल चुके है| यू पी में आज भी तहसील दिवस में प्रार्थना पत्र ऑनलाइन कराने के लिए झूझना पड़ रहा है| शिकायत हल होना तो दूर की कौड़ी है|

शिक्षक भर्ती में ऑनलाइन ऑफलाइन का खेल-
72000 शिक्षको की भर्ती में सरकार अब ऑफलाइन ऑनलाइन का खेल खेल रही है| तीन साल बाद सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप से भर्ती शुरू हुई तो ऑनलाइन ऑफलाइन शुरू हो गया| ऑफलाइन मंगाए गए आवेदन पत्रो को ऑनलाइन किया गया| लगा कि कुछ अच्छा होने वाला है| मगर कॉउंसलिंग से पहले ही वेबसाइट बंद हो गयी| ऑनलाइन फीडिंग में हुई अपार गलतियां सुधारने के लिए ऑफलाइन प्रत्यावेदन मांगे गए| पोस्ट ऑफिस से ट्रको बोरो में भरकर प्रत्यक्वेदन मांगे जाने लगे| अब सुधार एक बार फिर से ऑफलाइन होगा| फिर कॉउंसलिंग की सूची ऑनलाइन होगी और उसके बाद जैसा की लग रहा है मेरिट ऑफलाइन ही हो पायेगी| वो भी पता नहीं हो पायेगी या नहीं|

28000 जूनियर शिक्षको की भर्ती में आवेदन ऑनलाइन लिए गए| मगर कॉउंसलिंग के लिए मेरिट की सूची ऑनलाइन जारी न हो सकी| जिलों में एक्सेल शीट आवेदनो की भेज दी गयी| अब जिले स्तर के अधिकारी और कर्मचारी मरे| आवेदन का शुल्क विभाग के पास चला गया| जिले में ढेला नहीं भेजा| पहले दौर की कॉउंसलिंग के बाद दूसरे दौर की मेरिट जारी 23 जुलाई से होनी शुरू होगी मगर जिसने कई जगह से आवेदन कर लिए है उसकी मेरिट नहीं गिरेगी| बेचारे जिले स्तर के अफसर तब तक कॉउंसलिंग कराएँगे जब तक भर्ती भर के शिक्षक मिल नहीं जाते| ये कैसी ऑनलाइन भर्ती है| जो आवेदक लेने में नीचे लगे है वे एक बार फिर से सभी जिलो की मेरिट तलाशेंगे और सतुआ बाँध कर कॉउंसलिंग के लिए जूते घिसेंगे| नौकरी न हो गयी लड़की के लिए दूल्हे की तलाश हो गयी| मुख्यमंत्री के इर्द गिर्द रहने वाले अफसर आये दिन अखिलेश यादव से ई गवर्नेंस का फीता कोई न कोई फीता कटवाकर उदघाटन करवाते है| मगर जो सेवाएं चल रही है उनकी तो हवा निकली हुई है|

विभागों की वेबसाइट पर 10 साल पुराने आंकड़े-
जनता तक सूचना पहुचने के उद्देश्य से विभागों की वेबसाइट बनबाई गयी| केंद्र सरकार ने ई गवर्नेंस के तहत फंड दिए| मगर नतीजा क्या है| समाज कल्याण विभाग की वेबसाइट पर 10 साल पुराने आंकड़े और अध्यादेश है| बेसिक शिक्षको के वेतन से सबंधित वेबसाइट पर पिछले पांच साल से सॉफ्टवेयर डाउनलोड करने के लिंक के अलावा कुछ नहीं है| तमाम ऐसे विभाग है जिनमे एक बार आंकड़े डाल मुख्यमंत्री से फीता कटवा लेने के बाद कोई अपडेट नहीं होता| कई सरकारी योजनाये आई और चली गयी मगर इनके डेटा कभी ऑनलाइन नहीं हो पाये| सरकार बनते ही बेरोजगार भत्ता दिया गया मगर इसका डेटा कभी ऑनलाइन नहीं हुआ| अरबो रुपये बेईमान और अपात्र लूट ले गए| बाद में चुनावी फेलियर से बेरोजगारी भत्ता और लैपटॉप देना तो बंद ही हो गया| मायावती सरकार में शुरू हुई महामाया पेंशन योजना जो बाद में अखिलेश सरकार बनने के बाद लक्ष्मी बाई योजना पेंशन हो गे और बंद भी हो गयी मगर किसे मिल रही है कभी ऑनलाइन दिखाई नहीं पड़ा| भ्रष्टाचार को रोकने में काफी हद तक सफल ऑनलाइन व्यवस्था को शुरू करके चालू रखने की रूचि शायद यू पी के अफसरों में है ही नहीं|

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