फर्रुखाबाद: केंद्र सरकार द्वारा पोषित ई गवर्नेंस सेवा में जनता को सेवाएं उनके द्वार पर उपलब्ध कराने का खाका खींचा गया था| मगर जनसेवा केन्द्रो को स्थापित करने वाली एजेंसी सीएमएस ने इन केन्द्रो को स्थापित करने में बड़े पैमाने पर अनिमितताये की जिसके कारण दूर दराज के ग्रामीण इलाको में आज भी ई गवर्नेंस की सेवाएं जनता तक नहीं पहुंच पा रही है और जनता दलालो का शिकार बन रही है| यही नहीं सीएमएस द्वारा स्थापित जन सेवा केंद्र या तो बंद पड़े है या फिर वे जहाँ के लिए दिए गए वहां नहीं खुले| अधिकांश जन सेवा केंद्र जो ग्रामीण इलाको में आवंटित किये गए वे नगर क्षेत्र में फर्जी तरीके से काम कर रहे है| कई बार शिकायत करने के बाबजूद जिला ई गवर्नेंस सोसाइटी के प्रबंधक दिलीप रजोरिया इस समस्या पर ध्यान नहीं दे रहे है जिस कारण सही काम करने वाली लोकवाणी केन्द्रो के संचालको में रोष व्याप्त हो रहा है और जनता को सेवा भी सही नहीं मिल रही है|
उत्तर प्रदेश सरकार ने ई गवर्नेंस सेवाओ के तहत ग्रामीण क्षत्रो में सेवाएं पहुचाने के लिए तीन प्राइवेट संस्थाओ को जन सेवा केन्द्रो को स्थापित करने के अनुबंधित किया| ये संस्थाए सहज, व्योमटेक और सीएमएस लिमिटेड है| इन तीनो संस्थाओ को ग्रामीण क्षत्रो में जन सेवा केंद्र खुलवाने और उसमे कमीशन की भागीदारी दी गयी| इसी के साथ नगरो में ई गवर्नेस सेवा देने के लिए लोकवाणी केन्द्रो का शासनादेश राज्य सरकार ने किया था| फर्रुखाबाद जनपद में सीएमएस को जन सेवा केंद्र स्थापित करवाने थे| इसके लिए इस संस्था ने तहसील स्तर पर कोऑर्डिनेटर खड़े किये जिन्हे अपने कमीशन में से भागीदारी दी गयी| इन कोऑर्डिनेटरो को तहसील स्तर पर ग्रामीण इलाको में जन सेवा केंद्र खुलवाने थे| कागजी लिखापढ़ी में तय संख्या में ग्रामीण इलाको में जन सेवा केंद्र तो खुल गए मगर इंटरनेट पर प्रदर्शित सूची के अनुरूप इनमे से अधिकांश सेवा केंद्र आज भी संचालित नहीं जिसके कारण ग्रामीण जनता को भागकर तहसील और नगर में आना पड़ता है|
बढ़पुर ब्लाक के अधिकांश जन सेवा केंद्र ग्रामीण इलाको की जगह नगर में अवैध रूप से चल रहे है-
अधिकांश जन सेवा केन्द्रो के बंद होने के साथ साथ सबसे बड़ा रोड़ा ग्रामीण जनता को सेवा पहुचाने में जन सेवा केन्द्रो के अवैध रूप से पलायन होने से बना है| खासकर बढ़पुर ब्लाक में स्थापित आधा दर्जन जन सेवा केंद्र तय ग्राम पंचायत/गाव में न होकर नगर के बीचो बीच चल रहे है| जबकि राज्य सरकार ने जन सेवा केन्द्रो को ग्रामीण इलाको में सेवाएं मुहैया कराने के लिए अनुबंधित किया था और आज तक कोई बदलाव शासनादेश में नहीं हुआ है| बढ़पुर ब्लाक के गाव नीबलपुर कटरी में स्थापित जन सेवा केंद्र नगर में नगरपालिका क्षेत्र के आवास विकास कॉलोनी के बाहर अवैध रूप से स्थापित कर दिया गया| इसी के साथ पते में फर्जीवाड़े और भ्रमित पते के साथ छपट्टी मोहल्ले में स्थापित किया गया| छपट्टी मोहल्ला नगर के बीचो बीच नगरपालिका इलाके में पड़ता है| हथियापुर गाव में स्थापित दर्शाया गया रेखा कंप्यूटर जन सेवा केंद्र नगरपालिका क्षेत्र के तहसील सदर कार्यालय के बाहर चलता है| इसी प्रकार बढ़पुर के आधा दर्जन से ज्यादा जन सेवा केंद्र नगर में अवैध रूप से चल रहे है और ग्रामीण जनता को सेवाएं नहीं मिल पा रही है| सीएमएस कंपनी के अधिकारियो ने शासनादेशों की धज्जियाँ उड़ाकर ई गवर्नेंस सेवा को जनता तक पहुचाने में रोड़ा बनने का बड़ा काम किया है| इससे सरकार की लोकप्रियता भी प्रभावित हो रही है|
शिकायत के बाबजूद जिला ई गवर्नेंस सोसाइटी के प्रबंधक ने नहीं लिया संज्ञान-
जिला ई गवर्नेंस सोसाइटी के डिस्ट्रिक्ट मैनेजर दिलीप रजोरिया को कई बार मौखिक रूप से बताया गया कि नगर क्षेत्र में कई जन सेवा केंद्र बाकायदा बोर्ड लगाकर अवैध रूप से संचालित हो रहे है| मैनेजर दिलीप ने मौखिक रूप से देखने और कार्यवाही करने का आश्वाशन दिया और लोकवाणी केन्द्रो को झूठी सूचना दी कि नगरपालिका क्षेत्र में आवास विकास कॉलोनी के बाहर बढ़पुर में चल रहा जन सेवा केंद्र बंद कर दिया गया है मगर दिनाक 13 जुलाई 2014 तक इंटरनेट पर प्रदर्शित सूची के अनुसार ये केंद्र एक्टिव है और बोर्ड भी जन सेवा केंद्र का लगा है| इस सबंध में रविवार को लोकवाणी केन्द्रो के संचालको की एक बैठक कर जिलाधिकारी से मिलकर समस्या का समाधान करने के लिए ज्ञापन देने का निर्णय लिया गया| बैठक में शिकायत के बाबजूद मैनेजर द्वारा संज्ञान न लिए जाने पर उनकी निष्ठा को भी संदेह के घेरे में रखते हुए शासन को उनकी शिकायत भेजने का निर्णय भी लिया गया|
इंटरनेट पर देखे लोकवाणी और जन सेवा केन्द्रो की स्थापित सूची-
पारदर्शिता के लिए सरकार ने जन सेवा केन्द्रो और लोकबनी केन्द्रो को कहाँ कहाँ स्थापित किया है इसकी सूची भी इंटरनेट पर डाल दी है| इसके बाबजूद उन लोगो की हिम्मत की दाद देनी पड़ेगी जो नियमो को तोड़कर खुलेआम सरकार की खिल्ली उड़ाने से नहीं चूकते|
देखे फर्रुखाबाद जनपद में कहाँ कहाँ कौन कौन सा लोकवाणी केंद्र और जन सेवा केंद्र स्थापित करने की मंजूरी मिली है| अगर कोई लोकवाणी/जन सेवा केंद्र कहीं चल रहा है और इंटरनेट की सूची पर दर्शाये गए पतों में उसका पता नहीं है तो वो केंद्र निश्चित रूप से अवैध रूप से चल रहा है| इस प्रकार की अनिमितताओ को रोकने की जिम्मेदारी के लिए ही प्रदेश सरकार ने प्रतिमाह 20000 रुपये संविदा वेतन के साथ हर जिले में जिला ई गवर्नेंस सोसाइटी पर प्रबंधक तैनात किया है|
http://164.100.181.16/ssdgsap/Centre_Det.aspx
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