फर्रुखाबाद: जिलाधिकारी एनकेएस चौहान के जिले में पहले कदम पड़ते ही अतिक्रमण पर निगाह पड़ गयी थी| फर्रुखाबाद में प्रवेश करते ही सबसे पहले घटियाघाट पर अतिक्रमण के कारन वे जाम में फसे और वहीँ से अतिक्रमण और जाम हटवाकर फर्रुखाबाद नगर को हवादार करने की बात शुरू हो गयी| अतिक्रमण हटाओ अभियान शुरू हुआ तो पहले झुग्गी झोपडी और ठेले खोमचे वाले बेरोजगार किये गए| डीएम के अधीनस्थ अधिकारी जिलाधिकारी को आधी रिपोर्ट झूठी और आधी रिपोर्ट सच्ची देते रहे| पैसे वालो (पैसे वालो से तात्पर्य उनसे है जो कुछ खर्च करने में सक्षम है|) के अतिक्रमण पर केवल निशान लग पाये| जब तोड़ने का नंबर आया तो डीएम को छोड़कर सभी अधिकारी व्यस्त होने लगे| कमाल की व्यस्तता?
अब जबकि बुधवार को डीएम ने एक बार फिर से अतिक्रमण को हटाकर बाजार को खुला बनाने की ठान ली है सबसे पहले चपेट में चौक का टाइम सेंटर आएगा| 1917 के फर्रुखाबाद शहर के नक़्शे के मुताबिक नगरपालिका के एक चौड़े नाले पर बना टाइम सेंटर की पूरी बिल्डिंग ही अतिक्रमण में है| मगर इस भवन के अतिक्रमण को संरक्षण देने वाले नगरपालिका के अधिकारियो और कर्मचारियों ने तो फर्रुखाबाद नगर के नक़्शे के वो टुकड़े ही गायब कर डाले है जो अतिक्रमण दर्शा सके| वो तो भला हो उस एक शख्स का जिनके पास आज भी फर्रुखाबाद नगर का 100 साल पहले बनाया हुआ नक्शा मौजूद है| जिलाधिकारी को चाहिए कि वो वो नक्शा तालाब कर ले| कसम खुदा की फर्रुखाबाद नगर ऐसी सांस लेने लगेगा जैसे चंडीगढ़ में रह रहे हो| बस अड्डे पर बने स्वराज कुटीर, बस अड्डा और पोस्ट ऑफिस सभी अतिक्रमण हटने के बाद सांस लेने लगेंगे| वैसे ये काम मुश्किल भी नहीं बस हिम्मत और जज्बा चाहिए| फतेहगढ़ में पी डब्लू डी तिराहे पर ऊँची दीवार बनाकर बनाया गया अम्बेडकर पार्क, भोलेपुर के तिवारी नर्सिंग होम पर बना वैष्णो देवी मंदिर के बाहर अस्पताल, आवास विकास कॉलोनी के पास बने मुख्य मार्ग के नर्सिंग होम और शोरूम सब यूपी रोड कंट्रोल एक्ट का उल्लंघन कर बनाये गए है| यहाँ आज से तीस साल पहले सड़को के किनारे रोड कंट्रोल एक्ट के बोर्ड लगे होते थे जिन पर लिखा होता था- “इस सड़क के मध्य से 110 फ़ीट दोनों तरफ ईमारत या भट्टा बनाना मना है|” बोर्ड उखड गए और उनकी जगह कंक्रीट के जंगल उग आये और अवैध निर्माण पर रोक लगाने वाले अफसर जिले में आते गए और रईस होकर जाते रहे| अब शहर की दम घुटने की नौबत आ गयी है|
बुधवार को डीएम ने अधिकारियो को बुलाकर ताकीद की कि रविवार को टाइम सेंटर का अतिक्रमण हटा दिया जाए| बाजार में जो सामान अतिक्रणा में रखा हो उसे जब्त कर नीलाम कर दिया जाए| इसी दौरान नगर मजिस्ट्रेट ने डीएम को बताया कि टाइम सेंटर वाले मिलना चाहते है जो डीएम ने तत्काल मना कर दिया| टाइम सेंटर वाले इसी मेलजोल पर वर्षो से अतिक्रमण किये हुए है| देखना होगा कि क्या इस बार चौहान साहब के समय में मेलजोल हो पाता है या फिर अतिक्रमण हट पाता है| फिलहाल डीएम ने अधिकारियो को बड़ी से बड़ी जे सी bee और बुलडोजर मगाने की बात कही है|
कभी ब्रह्मदत्त द्विवेदी बचाते थे टाइम सेंटर को-
इस नगर को अतिक्रमण युक्त बनाने में अधिकारियो के साथ साथ नेताओ का भी हाथ है| बात वर्षो पुरानी है जब जब अतिक्रमण हटाओ अभियान में टाइम सेंटर को हटाने का नंबर आया उस ज़माने के कड़वार भाजपा नेता स्व ब्रह्मदत्त द्विवेदी बीच में आ जाते थे| प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे स्व बह्मदत्त द्विवेदी की हत्या के बाद टाइम सेंटर वालो ने पाला बदल लिया| देखना और पता करना होगा कि रविवार तक टाइम सेंटर वाले किस किस नेता की ड्योढ़ी पर हाजिरी लगाने जाते है और कौन नेता इस नगर को अतिक्रमण मुक्त करने में आड़े आता है|
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