बदायूं केस: CBI को ऑनर कीलिंग की आशंका

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CBIलखनऊ: उत्तर प्रदेश के चर्चित बदायूं कांड की जांच में जुटी सीबीआई के हाथ वो मोबाइल आ गया है, जो हत्या के वक्त दो बहनों में से एक के पास था। खास बात ये है कि अब सीबीआई आरोपियों और पीड़ित परिवारवालों के बैंक अकाउंट भी खंगाल रही है। छानबीन में पता चला है कि पीड़ित परिजनों ने एक-एक लाख रुपया गवाहों के अकाउंट में ट्रांसफर किया है। सीबीआई को जांच के आधार पर ऑनर कीलिंग की भी आशंका है। सीबीआई को ये आशंका लड़कियों के परिवार के सदस्यों से नार्कों टेस्ट से हो रही है। इस मामले में सीबीआई अगले हफ्ते पीड़ित लड़कियों को घर के सदस्यों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर सकती है।

आरोपियों के नार्को टेस्ट और गांववालों से पूछताछ के बाद दो बहनों की हत्या के मामले में सीबीआई को अहम सुराग मिले हैं। सीबीआई को पता चला कि लड़कियों के पास एक मोबाइल फोन था, जिसे तोड़ दिया गया था। छानबीन करते हुए सीबीआई को ये टूटा मोबाइल लड़की के मामा के घर पर मिला। इसका सिमकार्ड फर्जी आईडी पर लिया गया था।

सीबीआई इस सवाल का जवाब तलाश रही है कि आखिर ये मोबाइल तोड़ा क्यों गया और सिम फर्जी आईडी पर क्यों है। सीबीआई की इस जांच पर राज्य सरकार की भी नजरे लगी हैं, क्योंकि बदायूं कांड के बाद यूपी पुलिस पर ही सवालिया निशान लगे थे

छानबीन के दौरन सीबीआई को ये भी पता चला कि पीड़ित परिवार ने एक-एक लाख रुपया गवाहों के खातों में जमा कराया है, असल में दो अलग-अलग राजनीतिक दलों ने बतौर मदद दोनों चचेरी बहनों के परिवारों को पांच पांच लाख रुपए दिए थे, इनमें से एक एक लाख रुपया दो गवाहों रामबाबू उर्फ नजर और बाबूराम के बैंक खातों में जमा कराए हैं। रामबाबू और बाबूराम इन दोनों लड़कियों के रिश्तेदार भी हैं।

सीबीआई हर थ्योरी को पुख्ता कर लेना चाहती है ताकि कोई सिरा छूट न जाए, यही वजह है कि पीड़ित पिता और दो गवाहों का भी नार्को अगले हफ्ते करने का फैसला किया गया है। बस देखना है कि लड़की का सिम कोई राज उगलता है या बैंक, या फिर आरोपी।
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