नई दिल्ली: रेल किराए बढ़ने के बाद अच्छे दिन का इंतजार कर रहे आम लोगों को आज एक और झटका लगा। चीनी उद्योग को संभालने के लिए सरकार ने आज चीनी पर आयात शुल्क 15 फीसदी से बढ़ाकर 40 फीसदी कर दिया। इस फैसले के बाद अब घरेलू बाजार में चीनी के दाम बढ़ने की आशंका है।
आपके रोजमर्रा के सामानों की लिस्ट में एक और चीज महंगी हो सकती है। वो चीज जो आपकी चाय का स्वाद फीका कर सकती है। केंद्र सरकार ने सोमवार को अहम फैसला लेते हुए चीनी पर आयात शुल्क 15 फीसदी से बढ़ाकर 40 फीसदी करने का फैसला ले लिया।
इसके अलावा सरकार ने चीनी उद्योग को 4400 करोड़ का ब्याज रहित कर्ज देने का भी फैसला किया है। साथ ही प्रति टन चीनी पर 3300 रुपए की सब्सिडी दी जाएगी। केंद्र की कोशिश पेट्रोल में 10 % इथेनॉल मिलाने की प्रक्रिया में भी तेजी लाने की भी है।
इन फैसलों में आयात शुल्क बढ़ाने का फैसला आम आदमी की जेब पर भारी पड़ेगा क्योंकि इससे घरेलू बाजार में चीनी कम आएगी और असर पड़ेगा उसके दाम पर। सरकार की मानें तो ये सारे फैसले देश में संकट के दौर से गुजर रहे चीनी उद्योग को संभालने के लिए हैं।
इन फैसलों पर जल्द ही कैबिनेट से मंजूरी ली जाएगी। सरकार का कहना है कि जो पैसा वो चीनी मिलों को उधार दे रही है उससे चीनी मिलें किसानों का 11 हजार करोड़ रुपए का बकाया चुकाएंगी। आपको बता दें कि इससे पहले मनमोहन सरकार ने भी पिछले साल दिसंबर में चीनी मिलों को बिना ब्याज 6600 करोड़ रुपए दिए थे।
अब नई सरकार चीनी मिलों से ये गारंटी भी लेगी कि वो जल्द से जल्द किसानों का 11 हजार करोड़ रुपए चुकाए। हालांकि रेल किराए के बाद अब चीनी के दाम बढ़ने की आशंका दोहरे झटके की तरह है।
चीनी मिलों को बिना ब्याज कर्ज, किसानों का बकाया चुकाने की कोशिश, ये बातें अपनी जगह हैं लेकिन कमजोर मॉनसून की खबरों के बीच आने वाले दिनों में महंगाई के मोर्चे पर आम आदमी के अच्छे दिन दूर ही लग रहे हैं।