फर्रुखाबाद: व्यवस्था सुधारने के लिए जिलाप्रशासन के ताबड़तोड़ छापो के बाद भी हालात में बहुत बदलाव नजर नहीं आ रहा है| ढीट हो चुके बाबू अफसर किसी भी कीमत पर जनता की सेवा वेतन के बदले करने के लिए तैयार नहीं है| कमालगंज स्वस्थ्य केंद्र पर शनिवार सुबह मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने छापा मारा| छापे के दौरान 2 स्टाफ नर्स और 2 संविदा वार्ड कर्मी गायब मिले| सीएमओ ने एमओआईसी डॉ मानसिंह गायब कर्मियों का एक दिन का वेतन काटने का आदेश दिया और रजिस्टर पर एब्सेंट लगा दिया| सीएमओ के निरीक्षण से जाने की बाद स्टाफ नर्स रजनी परिहार और रविनेश ड्यूटी पर पहुंची और सीएमओ का मजाक उड़ाते हुए हाजिरी रजिस्टर पर हस्ताक्षर कर दिए| मजे की बात यह थी कि कुछ देर पहले जो डॉ मान सिंह जी साहब हाँ साहब सीएमओ के सामने कर रहे थे उन्होंने बड़ी हंसी ख़ुशी से दोनों नर्सो को रजिस्टर हाजिरी के लगाने केलिए उपलब्ध कराया| वैसे भी रजनी परिहार को अस्पताल में नौकरी करने की आदत नहीं है| बसपा सरकार में हुई संदिग्ध भर्ती का विवाद अभी कोर्ट में है और रजनी परिहार को बिना ड्यूटी के वेतन सपा सरकार में भी मिलता है| खेल सुधरने का कम लेन देन का ज्यादा लगता है| ऐसे में जनता की सेवा कौन करे|
शनिवार को सीएमओ राकेश कुमार ने सामुदायिक स्वस्थ्य केंद्र कमालगंज पर छापा मारा| अस्पताल की चकाचक साफ़ सफाई से महसूस हो रहा था कि छापा पूर्व सूचना के आधार पर है| इसके बाबजूद केंद्र पर परमानेंट गायब रहने वाली रजनी परिहार नर्स सीएमओ के छापे के बाद पहुंची और बेख़ौफ़ होकर हाजिरी रजिस्टर पर हस्ताक्षर कर दिए| इस मामले में जब डॉ मान सिंह से पुछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्होंने राजसिटर उठा लिया तो वे क्या करते| वेतन काटने के आदेश हुए है तो वेतन कटेगा| मगर मान सिंह इस बात का जबाब नहीं दे सके कि पिछली बार भी वेतन काटने के आदेश सी एम ओ ने किये थे फिर किस आधार पर पूरे महीने का वेतन उन्हें मिला था| ख़ामोशी मिलीभगत का संदेश दे रही थी| फिलहाल जनता को होने वाली परेशानी सरकार की बदनामी का बड़ा कारण बनती है और चुनाव में जनता को बदलाव करने के मौके उपलब्ध कराती है|
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