डीएम ने तिलस्मी दरवाजे का राज खोलने के लिए सीडीओ और BSA को भेजा, नहीं मिली चाबियाँ बैरंग लौटे

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CDOफर्रुखाबाद; बेसिक शिक्षा में किताबो के घोटाले से लबालब बंद कमरो का राज खोलने के लिए सीडीओ और बीएसए को संयुक्त रूप से भेजा| नरेंद्र सरीन स्कूल में दो घंटे की मस्सक्कत के बाद भी पुरानी किताबो के बंद कमरे नहीं खुलवा सके| मौके पर मौजूद चपरासी और राजेश वर्मा ने अफसरों को खूब गुमराह किया| एक कमरे की चाबी तो दो साल पहले रिटायर हो चुके अध्यापक विमल मिश्रा के पास बताई गयी| पुस्तक स्टोर इंचार्ज गंगेश शुक्ल मौके पर नहीं पहुंचे| टूटे दरवाजों और खिड़कियां झाँक कर अफसरों को वापस लौटना पड़ा| फिलहाल बेसिक शिक्षा में पुस्तको के घोटालो के तिलस्म का पहला दरवाजा भी अभी नहीं खुल सका है|

Free Text Booksवर्ष 2007 में ही बेसिक शिक्षा फर्रुखाबाद के पास 60000 सेट (सेट- एक बच्चो को मिलने वाली कुल पुस्तके) पुस्तक अतिरिक्त थी| इसके बाद हर वर्ष किताबो की खरीद नामांकन के सापेक्ष की गयी| हर वर्ष नामांकित बच्चो से 10% अतिरिक्त पुस्तक खरीदी जाती रही और पिछली बकाया बढ़ती रही| ये पुरानी पुस्तके आज भी जिलो के बीआरसी और मुख्यालय के भंडार गृह में मौजूद है| मगर एक बार फिर से नयी पुस्तको का आर्डर होकर उनका आना भी शुरू हो गया है मगर करोडो रुपये की पुरानी पुस्तके सड़ रही है| इसका प्रति वर्षवार लेखा जोखा किसी के पास नहीं है| किसी बनिया की दूकान की तरह रफ कागज पर हिसाब बनाकर स्वाहा हो जाता रहा| और दुबारा कोई मुसीबत पड़ने पर नए सिरे से आंकड़े भिड़ाते हुए रिकॉर्ड बनाया जाता रहा| अगर हर वर्ष की खरीद/भुगतान और नामांकित संख्या का 10 साल को जोड़ घटाना कर लिया जाए तो इस साल किताबे खरीदी ही नहीं जानी थी| इतना सब होने के बाबजूद बच्चे पूरी किताबो से वंचित ही रहते है|

Rajeev Yadav BSAजिला बेसिक शिक्षा अधिकारी भगवत पटेल और मुख्य विकास अधिकारी देर शाम नरेंद्र सरीन स्कूल में छापा मरने पहुंचे| उनके साथ जिला विकलांग अधिकारी और बीएसए के स्टेनो राजीव यादव भी गए थे| विकलांग शिक्षण केंद्र प्रभारी राजेश वर्मा राजीव यादव और विकलांग अधिकारी के साथ कमरो के पंखे गिन रहे थे| राजेश वर्मा उन्हें खाली कमरे दिखा रहे थे| इसी बीच मीडिया के लोग भी पहुंच गए इसके बाद अफसरों ने भी किताबो के कमरे खिड़की से झांके| सख्ती से चावी मंगवाने की जगह अफसर डीएम को भेजी जाने वाली रिपोर्ट में “ताला नहीं खुला” अंकित कर चले गए| मुख्य विकास अधिकारी ने मीडिया को बताया कि जाँच करायी जाएगी और दोषी दण्डित होंगे| भगवत पटेल ने सीडीओ को बताया कि यहाँ एक गैंग की तरह काम होता है|

तो कुल मिलाकर भ्रष्टाचार का तिलस्मी दरवाजा नहीं खुल सका| अफसरों ने भी साप वाले कमरे का मोयना किया| अंदर पिछवाड़े में बने एक कमरे में स्लेट और चार कमरो में पुरानी किताबे भरी पायी उसे भी दर्ज किया| नयी आ रही किताबो को देखकर उन्हें बेहतर रखरखाव के दिशा निर्देश भी दिए गए|