रायपुर|| देशव्यापी हड़ताल के समर्थन में प्रदेश में भी मंगलवार को आकाशवाणी और दूरदर्शन का प्रसारण ठप हो गया। अधिकारी-कर्मचारी प्रसार भारती को वापस लेने की मांग को लेकर 48 घंटे की ऐतिहासिक हड़ताल पर चले गए।
बैठ गए धरने पर:
हड़ताल का आह्वान नेशनल फेडरेशन आफ आकाशवाणी एंड दूरदर्शन एंप्लाइज (नेफेड) ने किया है। राजधानी में सुबह 9 बजे आकाशवाणी और दूदर्शन के अधिकारी-कर्मचारी परिसर में निकल आए और धरने पर बैठ गए। फेडरेशन ने दो पहले महीने पहले प्रबंधन को नोटिस दे दी थी कि प्रसार भारती वापस लेने की मांग पूरी नहीं की गई तो वे हड़ताल पर चले जाएंगे। कर्मचारी चाहते हैं कि उन्हें सरकार के नियंत्रण में रखा जाए। वे 1996-97 से प्रसार भारती के नियंत्रण में कार्यरत हैं। आकाशवाणी रायपुर, बिलासपुर, रायगढ़, महासमुंद, जगदलपुर व अंबिकापुर केंद्र भी बंद हैं। दूरदर्शन के रायपुर, अंबिकापुर, जगदलपुर, बिलासपुर केंद्रों के अलावा एलपीटी सेंटर खरौद, चांपा, बैलाडिला, कोरबा, नारायणपुर, सक्ति आदि में कामकाज ठप है।
सैकड़ों हैं शामिल:
आकाशवाणी के सुपरीटेंडेंट इंजीनियर आर.के. नेमा, एसोसिएशन के स्टेट कोआर्डिनेटर एसपी सिन्हा ने भास्कर को बताया कि सुबह 9 से प्रसारण बंद कर दिया गया। बंद 25 नवंबर की सुबह 9 बजे तक चलेगा। बंद से विविध भारती का प्रसारण भी प्रभावित हुआ है। हड़ताल पर इंजीनियरिंग व कार्यक्रम विंग के सभी अधिकारी-कर्मचारी शामिल हैं। रायपुर में ही 100 से अधिक कर्मचारी हड़ताल पर हैं।
नेफेड के राज्य सचिव सत्योंद्र कर व समन्वयक यशवंत स्वर्णकार ने बताया कि हड़ताल में आरती, एडीटीईए, पीएसए, स्टेनोग्राफर एसोसिएशन, ड्राइवर एसोसिएशन सहित 22 एसोसिएशन शामिल हैं। प्रदेश में सभी अपलिंकिंग सेंटर व प्रोग्राम, टीटीएल, डीडीके वाश आउट हैं।