फर्रुखाबाद: छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर की बीए परीक्षा के फर्जी अंक पत्र से नौकरी पाने वाली मोहम्मदाबाद ब्लाक की दो शिक्षिकाओं को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराकर वेतन रिकवरी कार्रवाई करने के भी निर्देश दिये गये हैं।
भरतपुर रसूलपुर प्राथमिक विद्यालय की शिक्षिका मीरा देवी की बीए 1987 की मार्कशीट फर्जी पाई गई। अलावलपुर निवासी महेंद्र सिंह की शिकायत पर एक साल पूर्व शिक्षिका का वेतन रोक दिया गया था। 26 मार्च 2014 को कुल सचिव की ओर से अंक पत्र फर्जी होने की भेजी गयी रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद शिक्षिका को पक्ष रखने का मौका दिया गया। इस पर शिक्षिका ने कहा कि बैक पेपर के नंबर शामिल न होने से विश्वविद्यालय ने अंक पत्र फर्जी बता दिया। बेसिक शिक्षा अधिकारी ने मीरा देवी का सेवा बर्खास्तगी आदेश जारी कर कहा कि शिक्षिका द्वारा बैक पेपर की बात भ्रमित करने के लिए कही जा रही है। वास्तविकता है कि अंक पत्र फर्जी है।
प्राथमिक विद्यालय रामनगर कुडरिया की सहायक अध्यापिका कांती राठौर की भी सेवा समाप्त कर दी गयी है। शिक्षिका की बीए तृतीय वर्ष 1987 की मार्कशीट फर्जी पायी गयी। 11 अप्रैल को सुनवाई की तिथि पर शिक्षिका ने मेडिकल लगा दिया। 17 अप्रैल को दूसरी सुनवाई में उन्होंने पुन: सत्यापन कराने की मांग की, लेकिन यह मांग स्वीकार नहीं की गयी।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी नरेंद्र शर्मा ने बताया कि मोहम्मदाबाद के खंड शिक्षा अधिकारी जगरूप शंखवार को शिक्षिकाओं के खिलाफ कूटरचित प्रमाण पत्रों के आधार पर नौकरी करने की एफआईआर दर्ज करवाने के निर्देश दे दिये गए हैं। अब तक प्राप्त किये गये वेतन की भी रिकवरी करायी जाएगी।
छह अनुदेशकों की सेवा समाप्ति का अनुमोदन
सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत उच्च प्राथमिक विद्यालयों में नियुक्त किये गये अनुदेशकों में से छह अनुदेशकों के शैक्षिक प्रमाण पत्र फर्जी पाये गये हैं। जिलाधिकारी पवन कुमार ने इन अनुदेशकों की सेवा समाप्त करने का अनुमोदन प्रदान कर दिया। बीएसए ने सेवा समाप्ति आदेश जारी करने के निर्देश पटल प्रभारी को दे दिए।
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