इजाजत के बावजूद काशी में मोदी के सभी कार्यक्रम रद्द

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Modiनई दिल्ली: वाराणसी में बीजेपी के पीएम कैंडिडेट नरेंद्र मोदी को रैली की इजाजत न देने से बीजेपी भड़क उठी है। इसे लेकर बीजेपी ने धरना प्रदर्शन का ऐलान किया है, साथ ही वाराणसी के डीएम को भी हटाने की मांग की है। हालांकि मोदी को बनारस में गंगा आरती की इजाजत मिल गई है। इसके अलावा मोदी सूर्या होटल में बनारस के लोगों से मुलाकात भी कर सकेंगे। प्रशासन का कहना है कि सुरक्षा कारणों के चलते मोदी को बेनियाबाग में चुनावी सभा करने की इजाजत नहीं दी गई है।

आज वाराणसी में लंका गेट पर अरुण जेटली धरना देंगे वहीं दिल्ली में पंत मार्ग के बीजेपी दफ्तर से डॉ. हर्षवर्धन, मुख्तार अब्बास नकवी समेत बीजेपी कार्यकर्ता चुनाव आयोग दफ्तर की तरफ मार्च करेंगे। बीजेपी का आरोप है कि वाराणसी के रिटर्निंग अफसर बीजेपी के साथ भेदभाव कर रहा है और उसे हटाया जाए। इनका कहना है कि बेनियाबाग में सभा के लिए भी इजाजत जानबूझकर नहीं दी। उधर, चुनाव आयोग ने बीजेपी के कदम को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।

कल प्रशासन ने मोदी को वाराणसी में गंगा आरती की इजाजत दे दी। इसके अलावा होटल में वह वाराणसी के लोगों से मुलाकात को भी हरी झंडी दी। उन्हें होटल सूर्या में 150 लोगों से मुलाकात की इजाजत दी गई। वाराणसी के डीएम और रिटर्निंग अफसर प्रांजल यादव ने कहा कि नरेंद्र मोदी को गंगा आरती की इजाजत दी गई। होटल में कांफ्रेंस की भी इजाजत है, लेकिन बेनियाबाग में सुरक्षा कारणों से इजाजत नहीं दी गई है। इसी को लेकर बीजेपी बिफरी हुई है।

बेनियाबाग में रैली की इजाजत नहीं मिलने की वजह सुरक्षा को बताया जा रहा है, लेकिन बीजेपी को ये दलील हजम नहीं हो रही। बीजेपी नेता अमित शाह ने कहा कि प्रशासन कहता है कि सुरक्षा कारणों से नहीं दी इजाजत। ऐसी कौन सी एजेंसी है जिसकी जानकारी पर ये सुरक्षा की बात कही गई। अगर ऐसा कुछ है तो उसे सार्वजनिक किया जाए।

यूपी में बीजेपी के चुनाव प्रभारी अमित शाह ने मोदी के कार्यक्रमों को देरी से इजाजत मिलने पर सवाल उठाए। अमित शाह ने कहा कि प्रशासन के रुख के खिलाफ पार्टी की तरफ से तय धरना कार्यक्रम में कोई बदलाव नहीं होगा। रेहनिया की रैली के अलावा बाकी सारे कार्यक्रम रद्द कर दिए गए हैं। बीएचयू के सामने और दिल्ली में चुनाव आयोग के दफ्तर के बाहर बीजेपी कार्यकर्ता विरोध में धरने पर बैठेंगे। इससे पहले बुधवार को अरुण जेटली ने भी चुनाव आयोग के अफसर और डीएम की निष्पक्षता पर सवाल खड़े किए थे। जेटली ने दोनों अधिकारियों को तत्काल हटाने की मांग की।

बीजेपी के आरोपों के बाद केंद्रीय चुनाव आयोग ने बिना किसी भेदभाव के चुनाव कराने और दोषी अफसरों के खिलाफ कार्रवाई का भरोसा दिया है, लेकिन अब तक जो कुछ हुआ है उससे बीजेपी को एक मुद्दा तो मिल ही गया है।
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